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Friday, August 10, 2018

In this king's palace, women could go naked only : भारत के इस राजा के महल में औरतें निर्वस्त्र ही अंदर जा सकती थी



जब भारत में राजा महाराजाओं का राज था तो राजाओं के बड़े-बड़े शोक थे. उस समय पटियाला रियासत के राजा भूपेंद्र सिंह अपने महल में उन्ही महिलाओं को प्रवेश देते थे जो निर्वस्त्र होती थी.
महाराजा भूपेन्द्र सिंह के दीवान जर्मनी दास ने अपनी किताब में यह सब लिखा है. इस किताब में राजा भूपेंद्र सिंह के अनेक अनजान किस्सों की जानकारी दी गई है. राजा भूपेंद्र सिंह ने एक ऐसा  महल बनवाया था. जिसका नाम लीला भवन था. इस महल में निर्वस्त्र लोगों को ही जाने की अनुमति थी.
यह महल पटियाला शहर की ओर  जाने वाली सड़क के बाहरी किनारे पर बना हुआ था. इस महल के बारे में एवं इसकी इस विशेषता के बारे में दीवान जर्मनी दास ने लिखा है की यूँ तो इस महल में अनेक कमरे थे. लेकिन एक बड़ा कमरा था. जो विशेष था. इस कमरे  के अंदर बहुत ही गजब की नक्काशी और कारीगरी का काम था.
महल का यह  खास कमरा राजा के लिए था. अन्य कोई प्रवेश नहीं कर सकता था. इसकी  दीवारों पर महिलाओं की प्रेम लीलाओं के चित्र उकेरे गए थे. कमरे को बहुत ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया था. हीरे जवाहरात से जुड़े हुए कालीन बिछा गए थे.
साथ ही एक ऐसा छोटा सा स्वीमिंगपुल था. जिसमे 50 मर्द और औरतें एक साथ नहा सकते थे. एक शानदार होल भी था. जिसमें पार्टी दी जा सकती थी और इस तरह की पार्टियां खुलेआम रंगरेलियों के रूप में चलती थी.
उन पार्टियों में अपनी प्रेमिका को राजा बुलाते थे. साथ में कुछ उनके विशेष मेहमान भी होते थे. महिलाएं उनके साथ नहाती थी, तैरती थी. गैर हिन्दुस्तानी मेहमानों में अनेक अंग्रेज अधिकारी भी हुआ करते थे. लेकिन इस महल में जो भी महिला आती थी वह निर्वस्त्र हो प्रवेश लेती थी.
दीवान जर्मनी  दास ने इस किताब का नाम ‘ महाराज-महारानी वेस्टलर बुक’ रखा है. इसमें महाराज और महारानी के अनेक किस्सों को खुल कर बयां किया है. उन्होंने कहा है कि इस महल में उन्ही गैर हिंदुस्तानी लोगों को बुलाया जाता था जो मोती बाग पैलेस में ठहरे होते थे.
महाराज भूपेंद्र सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1891 को हुआ था. उन्होंने  38 साल तक शासन किया था. महाराज भूपेंद्र सिंह ने 10 से अधिक शादियां की थी. उनके  अट्ठासी से अधिक बच्चे थे. महाराज भूपेंद्र सिंह की  महारानी का नाम वक्तुवार कौर  था. यह इतनी  सुन्दर थी की इन्हें  क्वीन मैरी की उपाधि दी गई थी.

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