कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के छोटे से गांव में रहने वाली एक लड़की ने घाटी की महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि पूरे कश्मीर के लिए एक मिसाल कायम कर दी है। यह लडकी यहां की पहली ऐसी महिला है जो पायलट बनेगी। इस लडकी का नाम है इरम हबीब।
इरम हबीब ने पायलट बनने का सपना उस समय देखा था जब वह कक्षा 12 में पढती थी। लेकिन उस समय उन्हें इसके बारे में बहुत जानकारी नहीं थी और न ही उन्हें कोई प्रोत्साहित करने वाला था। यहां तक कि उसके मां बाप ने भी इसके लिए उसे मना कर दिया था। क्योंकि वो ऐसा मानते थे कि पायलट जैसी नौकरी महिलाओं के न तो सेफ है और न ही उचित।
लेकिन इरम ने अपना सपना मरने नहीं दिया। और उसने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई देहरादून से पूरी की। बाद में उसने शेर ए कश्मीर युनिवर्सिटी से अपनी पोस्ट ग्रेजुएट की पढाई पूरी की। इस बीच इरम की माता पिता चाहते थे कि इरम पीएचडी करके किसी सरकारी नौकरी में जाए। परिवार के कहने पर इरम ने पीएचडी में दाखिला भी ले लिया और डेढ साल तक पीएचडी करती रहीं।
लेकिन इसी बीच उसने एक एड पढा। और उसने अमेरिकी फ्लाइट स्कूल में प्रवेश ले लिया। और 2016 में इरम ने अमेरिका के मियामी में अपनी पायलट की टेªनिंग पूरी। उसके बाद वह भारत लोट आई। लेकिन उसके बाद भी इरम के सामने मुश्किल खडी रही।
क्योंकि इरम के पास 260 घंटे की फ्लाइंग का अनुभव था। जिससे की अमेरिका एवं कनाडा में तो पायलट की नौकरी मिल सकती थी लेकिन भारत में नहीं। लेकिन इरम भारत में काम करना चाहती थी।
इसके बाद इरम ने दुबई और बहरीन में एयरबस 320 की टेªनिंग ली। बाद में उसे हिन्दुस्तान की दो कंपनीयों से जॉब के आफर आए। और अब इरम अगले महीने से इंडिगो के साथ भारत में अपना जोब एज ए पायलट का शुरू करने जा रही है। इरम के घर वालों को आज भी यकीन नहीं है कि कश्मीर की एक लडकी पायलट बन सकती है।
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