दुनिया में ऐसी ऐसी अजीबोगरीब जगह हैं जिनके बारे में सुनने पर हम पहली बार में विश्वास ही नहीं होता है, क्योंकि आज आधुनिक युग है. इसलिए कई बातों पर प्रश्न खड़े होते हैं. लेकिन बावजूद उसके मान्यताएं, परंपराएं, रुढ़िवादी, अंधविश्वास के कारण आज भी अनेक ऐसी बातें हैं, अजीबोगरीब घटनाओं हैं जो साबित करती है की ऐसा होता है. आज हम आपको एक ऐसी जगह एवं परंपरा के बारे में बता रहे हैं जिसके बारे में सुनकर निश्चित रूप से आपके होश उड़ जायेंगे.
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में स्थित एक मंदिर है. यह मंदिर जहां स्थित है उसका नाम है कालपी. यहीं पर एक मीनार भी है. इसे लंका मीनार के नाम से जाना जाता है. इस लंका मीनार की खास बात यह है कि इसके अंदर रावण एवं उसके परिवार से जुड़े हुए सभी सदस्यों की मूर्तियां लगी हुई है.
इस मीनार की ऊंचाई लगभग 200 फीट के आसपास है. इस मीनार का निर्माण मथुरा प्रसाद नाम के एक व्यक्ति ने 175000 रुपए खर्च करके बनवाया था. लंका मीनार का निर्माण इसी युग में हुआ है.
इस मीनार से जुड़ी हुई दो बातें बहुत ही खास है. पहली खास बात तो यह है कि इस मीनार का निर्माण जिस व्यक्ति ने करवाया उसका नाम मथुरा प्रसाद था. मथुरा प्रसाद रामलीला में कई सालों तक रावण का रोल करते रहे थे. जिसकी वजह से मथुरा प्रसाद को लोग उनके असली नाम के बजाय रावण के नाम से पहचानने लगे और इसी नाम से जानने लगे.
इसी कारण से मथुरा प्रसाद को एक तरह से रावण के किरदार से प्रेम हो गया था और यही वजह रही कि मथुरा प्रसाद ने 1857 में लंका मीनार का निर्माण करवाया. जिसमें रावण से जुड़े हुए प्रत्येक सदस्य एवं उसके परिवार एवं स्वयं रावण के अनेक चित्रों को मूर्तियों को मीनार में लगवाया.
मीनार की दूसरी खास बात है यह है की मीनार में एक जगह पर शिव मंदिर बना हुआ है. जिस की प्रमुख वजह है रावण शिव के भक्त थे. इस मीनार की चढ़ाई करने में सात परिक्रमा लगानी पड़ती है. यही वजह है कि कोई भी भाई बहन यहां पर एक साथ आते हैं तो उन्हें सात परिक्रमा अर्थात सात फेरे लेने पड़ते हैं. तो एक तरह से वह पति-पत्नी बन जाते हैं.
हालाँकि मीनार के बाहर ही यह चेतावनी लिख रखी है कि इस मीनार के अंदर भाई बहन एक साथ प्रवेश न करें.
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