एक होता है पुरुष, एक महिला और एक होता है तीसरा. न पुरुष, न महिला . उसे नपुंसक यानि की किन्नर कहते हैं. किन्नर अक्सर समाज से कटे हुए रहते हैं इसलिए उनके बारे में बहुत सारी बाते लोग जानते नहीं हैं. इन बातों के बारे में अक्सर कोई किन्नर जल्दी से बताता भी नहीं है. क्योंकि जिस तरह से एक आम व्यक्ति किन्नर से नफरत करता है, उसे हेय दृष्टि से देखता है उसी तरह से एक किन्नर आम व्यक्ति से नफरत करता है, उसे हेय दृष्टि से देखता है.
किन्नरों के बारे
में बहुत सारी ऐसी बाते हैं जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे. आइए आज हम
आपको बताते हैं. किन्नरों की
शव यात्राएं दिन में नहीं बल्कि रात्रि को निकाली जाती है.
किन्नर
के शव को उठाने से पहले उसे जूतों-चप्पलों से पीटा जाता है. किसी किन्नर के मरने बाद पूरा किन्नर समुदाय एक सप्ताह तक खाना नहीं खाता
है.
किसी किन्नर की मृत्यु के बाद जब उसका अंतिम
संस्कार किया जाता है तो वह बहुत ही गोपनीय तरीके से किया जाता है. किसी किन्नरों
की मृत्यु की खबर जल्दी से आम लोगों को नहीं दी जाती है और न ही उनके इनके मृत्यु
के किसी कार्यकर्म में शामिल किया जाता है.
यहाँ तक की मृत्यु के बाद किसी गैर किन्नर को उसे दिखाया भी नहीं जाता है. किन्नरों के यहाँ एसी मान्यता है की ऐसा
करने से मरने वाला किन्नर अगले जन्म में भी किन्नर ही पैदा होगा. अत: एक तरह से किन्नर की
योनी से मुक्ति मिले इसलिए ऐसा किया जाता है. किन्नर मुर्दे को जलाते नहीं बल्कि दफनाते हैं.
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