आज हम आपको एक ऐसी लड़के के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कभी रेलवे स्टेशन, सड़क एवं बस स्टैंड के आसपास कचरा बीनता था लेकिन आज वह करोड़पति बन चुका है. दोस्तों यदि ईमानदारी एवं मेहनत से व्यक्ति काम करता है. कभी ना कभी रंग लाती है. कई बार किस्मत खुलती है.
लेकिन यदि आपको अपनी मेहनत पर विश्वास है तो उसका लाभ जरूर मिलेगा. चाहे किसी भी रुप में मिले. हम बात कर रहे हैं विक्की की. पश्चिम बंगाल के पुरुलिया गांव के गरीब परिवार में हुआ विक्की का जन्म हुआ था.
इसका घर इतना गरीब था की खाने के लिए अनाज नहीं था एवं लोग इन पर अत्याचार भी कर रहे थे. इसलिए विक्की घर से भागने के लिए मजबूर हो गया. दिल्ली पहुंच गया. दिल्ली में अपना गुजारा करने के लिए, पेट भरने के लिए कचरा बीनने शुरू कर दिया. विक्की को जब पैसों की जरूरत पड़ती है तो वह होटल पर भी काम करता.
इसकी मुलाकात लोगों से हो जाती. ऐसे ही एक बार एक व्यक्ति से उनकी मुलाकात हुई. उस व्यक्ति ने विक्की का एडमिशन सलाम बालक ट्रस्ट नामक संस्था में कक्षा छह में करवा दिया. जहां विक्की ने दसवीं तक की पढ़ाई पूरी. जब विक्की 2004 में इस ट्रस्ट में अपनी पढ़ाई कर रहे थे तो वहां एक फोटोग्राफी वर्कशॉप का आयोजन हुआ.
इस वर्कशॉप में ब्रिटिश फोटोग्राफर बेंजामिन आए थे. इस वर्कशॉप में विक्की को शामिल नहीं किया गया. क्योंकि वह अंग्रेजी भाषा नहीं जानता था. विक्की तब तक बहुत अच्छी फोटोग्राफी करने लग गया था. उसका इंटरेस्ट फोटोग्राफी में हो गया था.
उसके बाद विक्की ने अंग्रेजी सीखी. फिर विक्की की मुलाकात एनि मान नाम के फोटोग्राफर से हो गई. एनि मान ने विक्की को अपने काम पर रख लिया और 3000 रुपया महीना इन्हें पगार देने लगा. 2007 में इंडिया हैबिटेट सेंटर में एक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ. अपनी फोटोग्राफी का प्रदर्शन विक्की ने वहां किया. इनकी फोटो लोगों को बहुत पसंद आई.
इनकी किस्मत चमक गई और उसके बाद रामानाथ फाउन्डेशन के लिए फोटोग्राफी करने का ऑफर इन को मिला और भारत से बाहर चले गए. फिर विक्की इंटरनेशनल फोटोग्राफर बन चुके थे. इन्हिने एक किताब भी निकल लिखी. और आज के समय में एक बहुत ही जानी मानी हस्ती फोटोग्राफर बन चुके हैं.
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