आए दिन कुछ न कुछ अनैतिक होता रहता है. लेकिन जो व्यक्ति समाज का निर्माण करें, जिसे हम शिक्षक कहते हैं, वह जब अन्याय, असंगत करता है तो निश्चित रुप से इससे बड़ी घिनौनी हरकत और क्या हो सकती है. छात्राएं जब स्कूल में भी सुरक्षित नहीं है तो फिर कहां सुरक्षित हो सकती है.
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के एक स्कूल टीचर ने एक ऐसी ही अनैतिक घटना एक छात्रा के साथ की. बाराबंकी जिले के धनोरा गांव की यह घटना है. यहां एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा 3 में पढ़ने वाली छात्रा की जमकर पिटाई की गई.
एक स्कूल टीचर ने इस छात्रा की बेरहमी से पिटाई की. इस छात्रा का नाम आनंदी है. यह बाबू ओ एन स्मारक स्कूल में क्लास 3 में पढ़ाई कर रही थी. उसी समय अंशु वर्मा नाम के अध्यापक आए और आनंदी से 9 का पहाड़ा सुनने लगे. बच्ची को पहाड़ा याद नहीं था. वह पहाड़ा पूरा सुना नहीं पाई.
अध्यापक को गुस्सा आ गया. उसने छेड़ी उठाकर के आनंदी को मारना शुरू कर दिया. अध्यापक ने छात्रा को छड़ी से इतना मारा कि उसके शरीर पर गहरी चोट के निशान उभर आए. उसके बाद वह बच्ची इतनी डर गई है की अब स्कूल के नाम से कांप जाती है. अब कई दिनों से वह बच्ची स्कूल नहीं आ रही है.
इस बात की सूचना बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक को बच्ची के गार्जियंस ने दी. उनके कहने पर शिकायत दर्ज की गई. और स्कूल एवं अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की गई. भारत सरकार ने स्कूलों में पिटाई बिल्कुल बंद कर रखी है. उसके बावजूद भी कुछ सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में इस तरह की घटनाएं होती हैं. बड़ी शर्मनाक लगती हैं. बच्चों को प्यार प्रेम से सही रास्ते पर सही चीजें सिखाई जा सकती है, डर से नहीं. अध्यापक को तो इस बात को विशेष रुप से समझना चाहिए.
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