यदि व्यक्ति मेहनत करता है तो क्या से क्या नहीं कर सकता. दुनिया भर में लगभग हर चीज सर्च की जाती है जिस सर्च इंजन पर उसका नाम है गूगल. गूगल का सीईओ कोई बन जाए आज की तारीख में तो यह बहुत बड़ी बात है और वह भी वह व्यक्ति बन जाए जिसको एक टाइम खाने का खाना नहीं मिलता था. पूरा परिवार एक बिस्तर पर, एक छत के नीचे सोता हो.
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इतनी गरीब हालत में निकला हुआ लड़का यदि कोई गूगल का सीईओ बनता है तो निश्चित रूप से वह अपने आप में गजब की बात है. हम जिस की बात कर रहे हैं वह गूगल का सीईओ सुंदर पिचाई.
सुंदर पिचाई ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए अपने एक साक्षात्कार में खुद इस बात को कबूल किया है की चेन्नई से कैसे बाहर निकले. उन्होंने अपने जीवन के सफर के बारे में बताया. अपने जीवन में अनेक प्रकार के कष्ट उन्होंने वाहन किए.
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सुंदर पिचाई ने कहा कि मेरा जीवन जो कि दुनिया की तुलना में बहुत ही अच्छा और बेहतर है. मैं एक साधारण परिवार से आता हूं. हमने एक मकान ले रखा था किराए पर और वह भी सिर्फ एक कमरे का. पूरे परिवार के लोग जमीन पर सोते थे.
एक बार सूखा भी पड़ा था. जिसके कारण हम परिवार के लोग सभी डर गए थे. इसलिए आज भी मैं बिस्तर के पास पानी की बोतल लिए हुए सोता हूं. पहली बार जब हमने फ्रिज खरीदा था तो हमारे लिए बहुत बड़ी बात थी.
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सुंदर पिचाई ने कहा पहली बार स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से पहले आईआईटी खड़कपुर में अध्ययन करने गया तो वहां पर कंप्यूटर एवं प्रयोगशालाओं को देखकर हैरान हो गया था. क्योंकि उन पर काम करना एक तरह से बहुत बड़ी बात थी.
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