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Saturday, November 17, 2018

Artists of Jaipur presented the drama on the star land in Alwar : जयपुर के कलाकरों ने प्रस्तुत किया नाटक सितारे जमीं पर अलवर में

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर तथा रंग संस्कार थियेटर ग्रुप अलवर,  (इकाई राज लोक विकास संस्थान, अलवर) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित युवा नाट्य समारोह 16 से 18 नवंबर 2018  में आज महावर ऑडिटोरियम में तपन भट्ट द्वारा लिखित एवं डॉ. सौरभ भट्ट द्वारा निर्देशित नाटक ‘सितारे जमीं पर’ खेला गया. रंग संस्कार थियेटर ग्रुप (इकाई राज लोक विकास संस्थान, अलवर) अलवर के दर्शकों के लिए लगातार यह प्रयास कर रहा है की यहां रंगमंच की गतिविधियां सक्रिय रूप से चलें. इसी कड़ी में युवा नाट्य महोत्सव का आयोजन अलवर शहर में हो रहा है.
credit: third party image reference


सिर्फ कुछ देर हंस करके मनोरंजन करना ही नाटक नहीं है. बल्कि छोटी-छोटी एवं मुख्य समस्याओं के ऊपर विचार करना एवं सोचना नाटक के माध्यम से एक हल निकालने की कोशिश करना यह भी नाटक कला के माध्यम से बताया जा सकता है. ऐसा ही प्रयास ‘सितारे जमीं पर’ नाटक के माध्यम से कलाकारों ने किया. ‘सितारे जमी पर’ मूलतः कहानी है ऐसे बच्चों की जो बाल श्रम की विभीषिका से ग्रस्त है.

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आज भी हमारे देश में ऐसे लाखों बच्चे हैं जिन्होंने कभी खिलौने नहीं देखे, कभी स्कूल नहीं देखा, कभी किताबें नहीं देखी. जबकि आप जानते हैं की शिक्षा बच्चे का मूलभूत अधिकार है. यदि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित रहता है तो वह इसकी विरुद्ध कार्यवाही कर सकता है. लेकिन क्योंकि वह जानता ही नहीं है इसलिए कार्यवाही कहां से करें. तो यह दायित्व माता पिता के अलावा समाज का, शिक्षकों का एवं हम सब लोगों का बनता है और जाहिर सी बात है जो बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है वह  कुछ न कुछ तो कर रहा है. चाहे वह किसी होटल पर या ढाबे पर झूठे कप प्लेट  धो रहा है या  किसी कारखाने या कंपनी में बीड़ी बनाने का काम कर रहा  है या कचरे के ढेर से पॉलिथीन बिन रहा है या अपने परिवार की कुछ समस्याओं के कारण अन्य कुछ काम कर रहा है. इन सब के माध्यम से वह अपना पेट भर रहा है. सितारे जमी पर नाटक में बताया गया है कि भगवान के द्वारा जमीन पर भेजा गया हर एक बच्चा भगवान का एक सितारा है और हमें उसे संरक्षित रखना चाहिए, यह हमारी जिम्मेदारी है. हम सब की छत्रछाया में पले, बढ़े, सुरक्षित रहे. एक सही दिशा हम उन्हें दे पाए. किंतु आजादी के इतने वर्षों बाद भी ऐसा नहीं हो रहा है? आखिर क्यों? जबकि लगातार विकास हो रहा है, ऐसा बताया जाता है.
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नाटक के माध्यम से कलाकार इसी तरह के प्रश्न उठाते हैं.  लोगों से पूछते हैं क्या आप को इन बच्चों में अपने बच्चे दिखाई नहीं देते? क्या उस प्यार और दुलार की जरूरत इन बच्चों को नहीं है? क्या वो शिक्षा,  वो किताब, स्कूल, बुक, खिलौने नहीं मिल सकते इन बच्चो को? इसी तरह के अनेक सवाल उठाता हुआ नाटक सितारे जमी पर लोगों के सामने एक प्रश्न चिन्ह खड़ा कर देता है?

सितारे जमीन पर नाटक में कलाकारों ने बहुत खूबसूरत अभिनय किया. निश्चित रूप से दर्शकों को सोचने के लिए विवश कर दिया. बच्चों की संवेदनाओं को, उनके भावों को, हमें समझना पड़ेगा. मंच पर बच्चों के रूप में जिन कलाकारों ने अभिनय किया उनमे- रिमझिम भट्ट, झिलमिल भट्ट, संवाद भट्ट, अनुज भट्ट, सुनंदा पारीक, यश पारीक, हर्ष भट्ट, विष्णु सेन, शिवांश पारीक, नम्रता भट्ट, आदित्य पारीक, सरगम भट्ट, साक्षात देव, अभिषेक शर्मा, आशुतोष पारीक, अखिल चौधरी, ख्याति अईच,  नवीन टेलर आदि थे एवं मंच से परे की व्यवस्था संभालने वाले कलाकारों में मंच व्यवस्था -अनिल मारवाड़ी, प्रकाश -दीपक गुप्ता एवं  मेकअप किया विष्णु सैनी ने. तपन भट्ट द्वारा लिखा गया डॉ. सौरभ भट्ट निर्देशित नाटक सितारे जमीं पर निश्चित रूप से बेहतर निर्देशन के माध्यम से अलग अलग दृश्यों को मंच पर ऐसे साकार कर दिया जैसे कि बच्चों की करुणा हमारे सामने साक्षात घट रही हो. निश्चित रूप से युवा नाट्य समारोह में एक बेहतरीन और यादगार प्रस्तुति रही सितारे जमी. 18 नवंबर को महावर ऑडिटोरियम में शाम 6:30 बजे जोधपुर के कलाकारों द्वारा डॉ शंकर शेष द्वारा लिखित एवं  हरिप्रसाद वैष्णव द्वारा निर्देशित बहुचर्चित एवं बहू मंचित नाटक फंदी  खेला जाएगा.

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