छठ पूजा का बहुत विशेष महत्व है. कई जगह पर तो यह 4 दिनों तक चलता है छठ पूजा का त्यौहार. इस त्यौहार के अंदर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. महिलाएं छठ पूजा का व्रत रखती है. लेकिन क्या आप जानते हैं. छठ कौन थी और क्यों की जाती है इसकी पूजा? आइए हम आपको इसकी कहानी बताते हैं.
सूर्य देव की बहन है छठ. इसको प्रसन्न करने के लिए सूर्य को जल की महत्ता को मानते हुए साक्षी मानकर आराधना करते हुए उनकी पूजा की जाती है. छठ माता को बच्चों की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है. इस व्रत को करने से संतान की लंबी आयु का वरदान मिलता है.
मार्कंडेय पुराण में इस बात का वर्णन है. अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने अपने आप को 6 भागों में बांटा है. इसके छठे अंश को ही छठ पूजा कहा जाता है. यह ब्रह्मा की मानस पुत्री भी मानी जाती है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को इस देवी की पूजा की जाती है.
एक तरह से हर बच्चे के जन्म के 6 दिन बाद भी पूजा की परंपरा है, उसके पीछे भी यही कारण है. इसको बच्चों की देवी कहा जाता है, इसीलिए इस दिन विशेष रूप से पूजा की जाती है. चाहे किसी बच्चे के 6 दिन बाद पूजा की जाए या फिर दीपावली के बाद छठ पूजा की जाती है तो भी उसका लॉजिक यही होता है. छठ पूजा का विशेष महत्व बहुत अधिक है. विशेष रूप से उत्तर -पूर्व भारत की ओर छठ पूजा का बहुत अत्यधिक महत्व है. महिलाएं इस व्रत को नियमित रूप से रखती है.
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