दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और उस के दूसरे दिन भैया दूज का पर्व पूरे हिंदू धर्म के लोग पूरे विश्व भर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. विशेष रूप से इस दिन भाई बहन के घर जाता है.
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कई बार परिस्थिति जन्य स्थितियां देखकर बहन भी भाई के घर आ जाती है. मुख्य रूप से तो कथा के अनुसार गंगा यमुना के जल में स्नान करके या इनके जल से स्नान करके भैया दूज का पर्व मनाना चाहिए. लेकिन सामान्यत हर कोई व्यक्ति वहां नहीं पहुंच सकता या गंगा यमुना का जल हर कोई व्यक्ति ला नहीं सकता.
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ऐसी स्थिति में यही होना चाहिए कि सुबह जल्दी उठकर के स्नान करके नए एवं साफ वस्त्र धारण करके शुभ मुहूर्त के अवसर पर बहन के द्वारा भाई को तिलक लगाना चाहिए. ऐसा करने से भैया की लम्बी उम्र की संभावना होती है. साथ ही साथ भाई को एक चौकी पर बैठा कर, उसके हाथ में श्रीफल, तुलसी के पत्ते, अक्षत देकर के उसकी लंबी उम्र की कामना करनी चाहिए.
इसके बाद बहन के द्वारा भाई के माथे पर हल्दी का टीका लगाना चाहिए. भैया दूज के दिन यह बहुत ही शुभ माना जाता है और हरी दूब की पत्तियों के साथ भाई की आरती उतारते हुए उसके हाथ पर कलावा बांधना चाहिए और उसे मिठाई खिलाएं. भाई अपनी बहन को उपहार स्वरूप कुछ भेंट करे. इस दिन खासतौर से बहने यमराज के नाम पर दीप जलाकर अपने घर की दहलीज पर रखती हैं और भाई की लंबी उम्र की कामना करती है.
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