आज भैया दूज का पर्व पूरे विश्व भर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. लेकिन इसके लिए समय कौन सा उचित है. आज हम आपको बताते हैं. दीपावली के 2 दिन बाद भैया दूज का पर्व पूरे विश्व भर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. बहन भाई की रक्षा के लिए भाई के हाथ में कलावा बांधती है. हल्दी का तिलक करती है.
भाई बहन के लिए कुछ उपहार देता है. इस दिन यमराज की पूजा भी की जाती है और यमराज के नाम का दीपक भी जलाया जाता है और यमराज बहनों के द्वारा मांगी गई शुभकामनाओं को पूर्ण करने का वचन देते हैं. लेकिन भाई दूज और चित्रगुप्त पूजा के लिए हम आपको बताते हैं शुभ समय कोनसा है.
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भाई दूज के लिए सुबह का मुहूर्त 8.50 से लेकर के 9:27 तक बहुत ही शुभ है.
दोपहर में यह समय 12.56 से लेकर के 2.27 तक बहुत शुभ है.
संध्या काल के समय 4.17 से लेकर के 4.57 तक का समय बहुत शुभ है. इन शुभ घड़ी में यदि भैया दूज पर बहन भाई की आरती करें, तिलक करे, हाथ में कलावा बांधकर पूजा करे तो निश्चित रूप से दोनों की मनोकामना पूर्ण होती है. यह समय बहुत ही शुभ है आज के लिए.
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इसी तरह से चित्रगुप्त की पूजा के साथ-साथ लेखनी और पुस्तकों की पूजा भी की जाती है. विशेष रूप से व्यापारी वर्ग इस दिन अपने पुराने बही खातों को बदलकर नई पुस्तकों से, बही- खातों से उनकी पूजा करते हैं. इसके लिए जो पूजा का समय है वह विशेष रूप से दोपहर में है. और यह 11:50 से लेकर 1.40 तक बहुत ही शुभ रहेगा. इसी समय पर पूजा करें तो अत्यधिक मनोकामना पूर्ण होने की संभावना है.
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