अलग-अलग जगह पर अलग-अलग परंपराएं हैं. जिनको आज भी लोग निभा रहे हैं. साड़ी के साथ ब्लाउज पहनने का कॉमिनेशन है. इन दोनों के ही रंग और डिजाइन खूबसूरत हो तो इसको पहनने वाली महिला खूबसूरत लगती है.
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लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि एक ऐसी जगह भी है जहां पर महिलाएं साड़ी तो पहनती है लेकिन ब्लाउज नहीं पहनती. परंपरा के मुताबिक महिलाओं को ब्लाउज पहनने की अनुमति ही नहीं है.
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ये छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में काम करने वाली महिलाएं हैं. इस परंपरा के अंतर्गत महिलाएं न खुद ब्लाउज पहनती हूं और न गांव की किसी अन्य महिला को पहनने देती हैं. एक तरह से वे परम्परा का निर्वहन करती हुई चली जा रही है. अपनी अगली पीढ़ी से भी ऐसा ही करने के लिए कहती है.
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हाल ही में कुछ ऐसी खबर भी आई है की यहाँ रहने वाली कुछ लड़कियों ने ब्लाउज पहनना शुरू कर दिया है. परंपरागत रुप से अवहेलना करने के कारण गांव वालों ने इनको प्रताड़ना लगाई. इनका ब्लाउज पहनना बंद करवाया.
क्योंकि यहां के आदिवासी लोगों का मानना है की पिछले 1000 वर्ष से हमारे यहां यही परंपरा चली आ रही है. अगर हम इस को खत्म कर देंगे तो निश्चित रूप से हमारे ऊपर कोई ना कोई संकट पैदा हो जाएगा.
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