मोदी सरकार भारत में इज ऑफ डूइंग बिजनेस का विस्तार करने के लिए जीएसटी के बाद देशभर में समान स्टैंप ड्यूटी कर को लागू करने की तैयारी कर रही है. जीएसटी के अनुसार यह भी टेक्स सिस्टम को लेकर एक बड़ा बदलाव करने की योजना है.
इसके तहत नया नियम बनेगा. सरकार यह चाहती है की पूरे देश में स्टैंप ड्यूटी कर एक समान होन चाहिए. इसके तहत सरकार ने 9 साल पुराने कानून में बदलाव की तैयारियां भी प्रारंभ कर दी हैं.
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव की तैयारियां पूर्ण कर ली हैं. राज्य भी इस बात के लिए सहमत हैं और जहां तक कोशिश होगी संसद के इसी शीतकालीन सत्र में इस बदलाव को प्रस्तावित और पारित करने की कोशिश की जाएगी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्टैंप ड्यूटी, भूमि खरीद ने से जुड़े हुए ट्रांजेक्शन और डॉक्यूमेंट पर लगने वाला कर है. यह टेक्स अभी तक जीएसटी के दायरे में नहीं आया है. अर्थात इस टैक्स को जीएसटी के दायरे से अभी तक बाहर रखा गया है.
हालांकि इसके अलावा बिल्स ऑफ एक्सचेंज, लीडिंग बिल्स, लेटर ऑफ क्रेडिट, इंसुरेंस पॉलिसी, शेयर ट्रांसफर और इकरारनामा इस तरह के वित्तीय साधनों पर स्टैंप ड्यूटी राज्य के बजाय संसद में ही तय होती है और सरकार का यह मानना है जीएसटी की तरह यह कानून भी पारित हो गया तो उससे हित धारकों को बहुत अधिक लाभ मिलने वाला है.
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इससे हित धारकों को एक ही जगह पर टैक्स देना होगा. इसके अलावा उन्हें अतिरिक्त टैक्स नहीं देना होगा. सरकार की तरफ से तो यह एक तरह से जनहित में लाभदायक होने वाला नियम बताया जा रहा है. इससे धारको को बहुत अधिक फायदा भी होने की संभावना है.
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