भारतीय समाज में स्त्री को यूं तो देवी का दर्जा दिया जाता है. लेकिन यह वास्तविकता है नहीं. ऐसा वास्तव में होता नहीं है. विशेष रूप से आजकल मिटू केम्पेन के तहत पता लग रहा हैकी कहां कहां पर किस किस जगह पर महिलाओं के साथ अत्याचार, अनाचार हो रहे हैं. फिल्म से लेकर राजनीति तक और मीडिया से लेकर आम जगह पर महिलाएं शोषित है, पीड़ित हैं.
हम आपको बताते हैं नीतिशास्त्र के अनुसार कौन सी ऐसी दो बातें हैं जो महिलाओं को नहीं कहनी चाहिए. जिससे कि आपको किसी भी प्रकार का अहित न हो. यदि आप ये दो बातें उस तरह की महिला से कह देंगे तो निश्चित रूप से आपको बहुत बड़ी हानि हो सकती है. आईए हम जानते हैं वे दो बातें कोनसी हैं.
बांझ
भूल कर भी किसी स्त्री को बाँझ नहीं कहना चाहिए. क्योंकि कोई भी स्त्री जानबूझकर बाँझ नहीं बनती है. उसकी कुछ शारीरिक कमी की वजह से ऐसा हो सकता है. जिसकी वजह से किसी कारण से किसी स्त्री में मां बनने की क्षमता नहीं होती है. तो उसे सीधे सीधे बाँझ नहीं कहना चाहिए, चाहे वह बाँझ हो तो भी. ऐसा कहने से आप पाप के भागी बनते हैं. उस स्त्री को ठेस भी लगती है. अतएव कोई आप बद्दुआ दे सकती है. जिससे कि आपका अहित हो सकता है.
वेश्या
इसी तरह से किसी भी स्त्री को वेश्या नहीं बोलना चाहिए. यहां तक कि जो वेश्या होती है उसको भी वेश्या नहीं बोलना चाहिए. क्योंकि ये दोनों ही शब्द स्त्रियां जब सुनती है तो उन्हें अच्छा नहीं लगता है. इतने से उनके मन को ही बहुत बुरा लगता है. उनके मन को जब बुरा लगता है तो कहीं ऐसा ना हो आपके लिए भी हानिकारक सिद्ध हो जाए.
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