हमारे देश में अनेक वर्षों तक मुगलों ने शासन किया. उसके बाद अंग्रेज आ गए. हमारा देश अनेक वर्षों तक गुलाम रहा. वह गुलामी की प्रवृत्ति आज भी यत्र तत्र दिखाई देती है. हालांकि गुलामी के वर्षों में 100% सब कुछ गलत ही हुआ ऐसा नहीं कहा जा सकता लेकिन अधिकतर गलत हुआ.
जो शासक होता है प्रजा के साथ हमेशा एक शोषित दृष्टिकोण रखता है. इसीलिए अनेक मामलों में हमारा देश पिछड़ गया. आज हम आपको बताते हैं मुगल काल की सबसे ताकतवर महिला का किस्सा. इसके बारे में हो सकता है आप लोगों ने सुन भी रखा हो.
मुगलकाल की यह औरत बहुत ही ताकतवर थी. इसने शासन भी किया था. मुगल साम्राज्य की इस महिला का नाम था नूरजहां. यह मुगल बादशाह जहांगीर की पत्नी थी. आपको बता दें की नूरजहां अन्य मुगलों की पत्नियों की तरह शाही परिवार से ताल्लुक नहीं रखती थी बल्कि सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखती थी.
लेकिन नूरजहाँ वैचारिक रूप से बहुत ही मजबूत थी और अपनी इसी खास बात के कारण वे जहांगीर की सबसे पसंदीदा पत्नी और महारानी बनी. अप्रत्यक्ष रूप से मुगल साम्राज्य पर राज करती थी नूरजहाँ. अपनी शादी के कुछ वर्ष बाद ही नूरजहां ने अपना पहला शाही फरमान जारी किया वो भी अपने नाम से. और धीरे-धीरे अनेक मशवरे वे देने लगी और एक तरह से अपनी चतुराई, कूटनीतिक कला और समझ से बेहतरीन साम्राज्य का संचालन करने लगी.
नूरजहां अपने नाम में बादशाह लगाती थी. जहांगीर नशे के धुत रहते थे, यूं तो हर राजा महाराजा नशे के आदी रहे हैं. इस कारण से साम्राज्य पर ध्यान नहीं देते थे. उनका साम्राज्य डगमगाने लगा. तब नूरजहाँ ने उसकी बागडोर संभाली. बिना गद्दी पर बैठे पीछे से शासन करने वाली नूरजहां इतिहास में एक बड़ा नाम है.
1617 में चांदी के सिक्के जारी किए गए. जिसमें जहांगीर के बगल में नूरजहां की तस्वीर को भी छापा गया. पहली बार किसी स्त्री की तस्वीर सिक्कों पर दिखाई दी थी. जबकि उस समय पुरुष आधिपत्य शासक था. एक तरह से पूरा आरक्षण हुआ करता था पुरुषों का. उसी समय एक बार जहांगीर को बंदी बना लिया गया था. तब सेना का नेतृत्व करते हुए उन्हें नूरजहाँ ने बचाया.
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