दोस्तों आपने घड़ियां तो बहुत देखी होगी. अनेक तरह की खूबसूरत और नए नए डिजाइन की घड़ियां भी देखी होंगी. अक्सर लोग समय देखने के लिए घड़ी का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि यह भी सत्य है की जब से मोबाइल आया है तब से घड़ी की संख्या कम हो गई है. लेकिन हाथ में बांधने वाली घड़ी की संख्या कम हुई है. घरों में दीवारों पर लटकाने वाली घड़ी आज भी अनेक घरों में मौजूद है. यहां तक कि बहुत सारे लोग तो प्रत्येक कमरे में घड़ी रखते हैं.
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घड़ी को अक्सर आपने सीधे हाथ की दिशा में घूमते हुए देखा होगा. उसमें जो संख्या अंकित होती है. 1 से लेकर 12 तक, उसमे भी एक, दो, तीन इस क्रम घड़ी की सुईं चलती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी घड़ी के बारे में बता रहे हैं, जिसमें उल्टी संख्या अंकित होती है. उल्टे क्रम में बजते हैं और यह उलटे क्रम में ही चलती है.
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यह अनोखी घड़ी और कहीं नहीं बल्कि भारत में ही पाई जाती है. यह एक तरह से प्राचीन घड़ी मानी जाती है. यह आदिवासियों की घड़ी है. इस घड़ी की खास बात यह है कि यह अन्यों घड़ियों से बिल्कुल उल्टी है. अर्थात विपरीत है.
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यह घड़ी बाएं से दाएं की और घूमती है. इसमें पहले 7 बजते हैं उसके बाद 8 बजते हैं. गुजरात के दक्षिणी एवं मध्य क्षेत्र में बहुत तेज गति से इस घड़ी का उपयोग आदिवासी क्षेत्र के लोग कर रहे हैं. इस घड़ी को तैयार करने वाले आदिवासी लाल सिंह गामित हैं.
लाल सिंह ने 2 वर्ष में अब तक 15000 घड़ियां बेच डाली है. इसकी वजह यह है की प्राचीन काल से आदिवासी जो सामान्य घड़ी है, उससे विपरीत घड़ी के अनुसार अपने कार्य करते आ रहे हैं. और इसी प्रथा को आज तक निभाते आ रहे हैं.
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