भारत में अनेक तरह की परंपरा एवं रीति रिवाज हैं. बहुत सारी परंपराएं एवं रीति रिवाज तो ऐसी हैं जो पुराने समय से आज भी चली आ रही हैं. इन रीति-रिवाजों की वजह से बहुत सारे लोगों को अनेक प्रकार के कष्ट भी उठाने पड़ते हैं. विशेष रूप से पुरानी परंपरा एवं रीति-रिवाजों का सबसे ज्यादा प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है और महिलाओं के द्वारा इन परंपराओं का निर्वहन करने के कारण उन्हें अनेक प्रकार के कष्ट सहन करने पड़ते हैं.
मध्य प्रदेश के अंदर एक ऐसा गांव है, जहाँ हजारों वर्षों से एक परंपरा चली आ रही है. इस परंपरा के अनुसार यहां की महिलाओं को चप्पल पहनना मना है. परंपरा के अनुसार महिलाएं चप्पल लेकर हाथ में चल सकती हैं, वह पैर में नहीं पहन सकती.
जब तक महिलाएं गांव में रहती हैं तब तक. लेकिन जैसे ही वे गांव की सीमा से बाहर कदम रखती हैं कहां पर चप्पल पहन सकती हैं. अर्थात वहां पर उन्हें चप्पल पहनने की अनुमति है.
अनेक वर्षों से यही परंपरा यहां की महिलाओं के साथ चल रही है और यह नियम ग्राम पंचायत के लोगों के द्वारा बनाए गए हैं. अगर कोई महिला इस नियम का उल्लंघन करती है तो उसके ससुराल पक्ष को यह बात बताई जाती है. महिला को सजा भी मिलती है.
इस प्रथा के पीछे कारण यह बताया जाता है की गांव का राजा विट्ठल देवता था. उन्होंने अपने जमाने में महिलाओं को चप्पल नहीं पहनने दी. इसी वजह से यह परंपरा चल आ रही है.
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