बॉलीवुड के लिए साल 2017 उथल-पुथल भरा रहा. एक तरफ जहां अनेक बड़े स्टारों की तथा बड़े बजट की फिल्में फ्लॉप रहीं, वहीं दूसरी ओर छोटे बजट की एवं छोटे स्टारों की फिल्मों ने दर्शकों के दिल पर राज किया और बॉक्स ऑफिस पर भी कमाल किया. कई फिल्में विमर्शात्मक रूप से अनेक मुद्दों पर सोचने के लिए मजबूर करने वाली रही. भावनात्मक एवं सामाजिक रुप से अनेक सवाल कुछ फिल्मों ने उठाए. इस तरह की फिल्मों के निर्माता निर्देशकों ने निश्चित रूप से मनोरंजन से परे सामाजिक सरोकार को भी सिनेमा से जोड़ने की कोशिश की. छोटे बजट से तैयार की हुई इन कुछ फिल्मों ने साल 2017 में वह कमाल कर दिखाया जो बॉलीवुड के कई सुपरस्टार एवं बड़े निर्देशकों के बैनर तले बनी हुई बड़े बजट की फिल्में भी नहीं कर पाई. इन लो बजट की फिल्मों ने समीक्षकों का ध्यान तो अपनी ओर खींचा ही, साथ ही दर्शकों को भी अपने से जोड़ने में ये कामयाब रहीं और निश्चित रुप से आम दर्शकों का इस तरह की फिल्मों से जुड़ना, यह एक बड़ी उपलब्धि है. क्योंकि इस तरह की फिल्मों को बेहतरीन सिनेमा पारखी आलोचक तो मिल जाते हैं किंतु आम दर्शक नहीं. क्योंकि जिस तरह की फिल्मों का एवं स्टारडम का आजकल ट्रेंड है उसमें इस तरह की फिल्मों कों दर्शक मिलना नि:संदेह आज के तथाकथित आधुनिक दौर में चुनौती के साथ-साथ एक बेहतरीन बौद्धिकता और चिंतन की परिकल्पना की परिपाटी का साकार होना सा लगता है. साल 2017 लगभग अपने अंतिम पड़ाव पर है बॉलीवुड के हिसाब से क्या अच्छा, क्या बुरा हुआ इसका हिसाब किताब करना जरूरी है तो आइए हम आपको बताते हैं कि इस साल की ऐसी 10 फिल्में जिनका बजट तो कम रहा लेकिन फिल्म में दम रहा.
शुभ मंगल सावधान
आयुष्मान खुराना और भूमि पेडणेकर की खूबसूरत जोड़ी के दमदार अभिनय एवं इस फिल्म की खूबसूरत पटकथा को लोगों ने बहुत पसंद किया. आर एस. प्रसन्ना के निर्देशन में बनी इस फिल्म का बजट 25 करोड़ था और इसका बॉक्स ऑफिस लगभग  64.5 करोड़ रहा. शुभ मंगल सावधान एक तमिल फिल्म की रीमेक फिल्म है. सगाई के बाद और शादी से पहले एक लड़का और लड़की अपने जीवन के अनेक छोटे छोटे पहलुओं से लेकर के और संभोग तक के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करते हुए इस फिल्म में दिखाए गए हैं. यह निश्चित रूप से इस तरह का विषय है जो किसी फिल्म की पटकथा का हिस्सा पहली बार बना है और बड़ा ही चिंतनीय विषय है.
लिपस्टिक अंडर माई बुर्का
अलंकृता श्रीवास्तव के निर्देशन तथा कोंकोना सेन शर्मा, रत्ना पाठक, अहाना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकर के अभिनय से सजी यह फिल्म मुख्यतः महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती हुई कहानी पर आधारित है. अलग-अलग समाज, वर्ग एवं उम्र की महिलाओं के साथ अनेक तरह के बंधन एवं आजादी के संदर्भ भारतीय परिवेश में देखने को मिलते हैं. इस फिल्म में स्त्रियों के अनेक अंतरंग एवं बेसिक मुद्दों को बहुत ही अनोखे रूप से उठाया गया है. हालांकि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को पहले बैन कर दिया था लेकिन बाद में न्यायालय की दखल से यह फिल्म रिलीज हो पाई. इस फिल्म का बजट 12 करोड़ रहा जबकि इसकी कुल कमाई 26.6 रही. 


तुम्हारी सुलु
सुरेश त्रिवेणी के निर्देशन में बनी एक हाउसवाइफ की आम जिंदगी की कहानी को दर्शाती यह फिल्म अनेक सवाल खड़ा करती है. विद्या बालन, नेहा धूपिया एवं मानव कोल के अभिनय से सजी हुई इस फिल्म में एक हाउसवाइफ का आर. जे. बनना और उसके बाद उसके पारिवारिक जीवन में अनेक बदलावों का आना, यह दिखाया गया है. लोगों ने इसे खूब पसंद किया. लगभग 17 करोड़ की लागत से बनी इस फिल्म ने अभी तक 30 करोड़ की कमाई कर ली है.
करीब करीब सिंगल
तनुजा चंद्रा के निर्देशन एवं इरफान खान और साउथ की एक्ट्रेस पार्वती के अभिनय की यह बहुत ही खूबसूरत और एक सच्ची प्रेम घटना पर आधारित फिल्म है. जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया. इरफान खान की एक्टिंग तो रियल लगती ही है, इस फिल्म में उनका रोमांस की बहुत रियलिस्टिक लगा. दर्शकों ने इसे खूब कुबूल किया. इसकी कुल 22.5 करोड़ की कमाई है जबकि लागत 8 करोड़ के आस पास है.
न्यूटन
राजकुमार राव एवं अंजली पाटिल अभिनीत फिल्म न्यूटन जबरदस्त चर्चित रही. यह फिल्म ऑस्कर के लिए नामांकित भी हुई. एक नक्सलग्रस्त आदिवासी ग्रामीण परिवेश में एक ईमानदार अफसर की ड्यूटी वोटिंग करवाने में लगती है तो क्या क्या परिस्थितियां वहाँ पनपती हैं, इसी स्थिति को बेहद रोमांचक ढंग से निर्देशक ने इस कहानी में बयां किया है. राजकुमार राव की बेहद खूबसूरत अदाकारी को लोगो ने बहुत पसंद किया. अमित वी मसूरकर के निर्देशन में बनी इस फिल्म की कुल लागत 9 करोड़ रही जबकि इसका कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 31.6 करोड़ रहा.
मुक्ति भवन
इस साल की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक है मुक्ति भवन. शुभाशीष भूटियानी के निर्देशन में बनी फिल्म मुक्ति भवन रिश्तों के साथ जिदगी की भी गांठे खोलती है. आम जिंदगी के अनेक अनछुए पहलू, सवाल एवं उनकी अनसुलझी गुत्थियों को उठाने वाली यह फिल्म सामाजिक सरोकारों से लेकर मानवीय संवेदना के उस धरातल तक सोचने को मजबूर करती है, कि किस तरह से एक व्यक्ति जिंदगी से लेकर के मौत तक का सफर तय करता है और उसमें क्या-क्या तकलीफें एवं बेचैनी उसे होती है. इन सब मुद्दों को इस फिल्म में बहुत ही खूबसूरती के साथ बयां किया है. आदिल हसन, ललित बहल, पलोमी घोष, गीतांजली कुलकर्णी के बेहद संजीदा और खूबसूरत अभिनय से इस फिल्म ने बेहद लोकप्रियता हासिल की. लगभग 4.5 करोड़ की लागत से बनी इस फिल्म की कुल कमाई 10.4 करोड़ रही.
कड़वी हवा
संजय मिश्र, तिलोतमा शोमे, रणवीर शोरी स्टारडम फिल्म कड़वी हवा के निर्देशक नील माधव पंडा हैं. नाम के अनुरूप यह फिल्म एक कड़वी सच्चाई को बयां करती है, जो सचमुच बहुत कड़वी है, जो न खाई जा सकती है और न निगली जा सकती है, यह एक बहुत बड़ा सच है. गरीबी, अकाल, सूखा, महामारी, बीमारी, तंगहाली इन सब मुद्दों का एहसास कराती यह फिल्म वक्त की जरूरत के अनेक सवाल खड़ा करती है.
अनारकली ऑफ आरा
एक आम नाचने वाली स्त्री के जीवन की अनेक सच्चाइयों को बयां करती हुई यह कहानी कस्बाई इलाकों में प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा किए जाने वाला व्यवहार एवं व्यभिचार प्रकट करती है. स्वरा भास्कर एवं संजय मिश्र की बेहतरीन भोजपुरी संवाद अदायगी एवं अदाकारी ने इस फिल्म को काफी चर्चित किया. अविनाश दास के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म निश्चित रूप से बेहद ही खूबसूरत है. अनारकली ऑफ आरा का कुल बजट रहा 5 करोड़ और इस फिल्म ने कमाई की 15 करोड़ की.

ए डेथ इन द गंज
इस साल की बेहतरीन फिल्मों में से एक यह फिल्म रही है. अनेक तरह की मनुष्य की सोच के ऊपर सवाल उठाने के साथ-साथ विचारों की गुफाओं में विविध प्रकार की तरंगे जब मन और मस्तिष्क में उठने लगती है तो बेचैनी के साथ-साथ एक अनोखी स्थिति मनुष्य की हो जाती है, इसी तरह की कहानी के ताने बाने से बनी हुई यह फिल्म कोंकणा सेन शर्मा के पहली बार के बेहतरीन निर्देशन की एक बेहतरीन फिल्में है. ओम पुरी, विक्रांत मस्सी, कल्कि कोचलिन, गुलशन देवैया, तिलोत्तमा शोम आदि कलाकारों ने इस फिल्म में बहुत ही शानदार भूमिकाएं की. इस फिल्म ने नेशनल अवार्ड भी जीता. 8 करोड़ की लागत से बनी इस फिल्म का बोस ऑफिस 12 करोड़ रहा.
ट्रैप्ड
विक्रमादित्य मोटवानी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में राजकुमार राव एवं गीतांजली थापा ने मुख्य भूमिका निभाई है. खाली बिल्डिंग के एक फ्लैट में फंसे हुए एक युवक की कहानी पर आधरित है यह फिल्म. प्रत्येक मनुष्य की जिंदगी की अनेक परेशानियों एवं उसका दृष्टिकोण किस प्रकार से उसे सोचने के लिए विवश करता है इसी तरह की मानसिक उहापोह के मध्य चलती हुई इस फिल्म की कहानी बेहद रोचक और द्वंदात्मक स्थिति पैदा करती है. राजकुमार राव के शानदार अभिनय एवं इस फिल्म के कथानक को लोगों ने बहुत पसंद किया.