इलाहाबाद में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की
एक बैठक में बाबाओं ने यह घोषणा की है कि जो फर्जी बाबा हैं उनसे सावधान रहें. उनकी
ओर से एक और लिस्ट जारी हुई है. जिसमें मुख्य रूप से बड़े बाबाओं के नाम शामिल है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक के
अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि इस बैठक में देश के 13 अखाड़ों के प्रमुख
बाबा शामिल थे. इससे पूर्व इस परिषद ने जो सूची जारी की थी उसके अंदर लगभग 14
फर्जी बाबाओं के नाम जारी किए थे और अब तीन ऐसे और बाबाओं के नाम जारी किए हैं जो फर्जी हैं. आप भी इन तीन फर्जी बाबाओं से रहे
सावधान. आइए हम आपको बताते हैं वे तीन कौन
हैं.
तीन फर्जी बाबा में सबसे पहला नाम है
दिल्ली के प्रसिद्ध बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित उर्फ कालनेमि का. दूसरा बस्ती के सच्चिदानंद सरस्वती
का. तीसरा इलाहाबाद की साध्वी त्रिकाल भवंता
का. दिल्ली के प्रसिद्ध बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित उर्फ कालनेमि पर महिलाओं को बंधक बनाकर उनका यौन शोषण करने जैसे
गंभीर आरोपों लगे हैं. वीरेंद्र देव
दीक्षित अभी तक फरार चल रहे हैं. देश में अनेक जगह पर इनके आश्रम हैं और उन आश्रमों में से 150 से भी अधिक लड़कियों
को छापामारी के द्वारा आजाद करवाया गया है. अभी तक इनकी तलाश जारी है.
सच्चिदानंद सरस्वती बाबा के ऊपर यह गंभीर
आरोप है कि वह मंत्र देकर लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं और बाद में उनके साथ शारीरिक संबंध
बनाते हैं. सच्चिदानंद सरस्वती के खिलाफ अनेक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और यह भी
अभी तक फरार चल रहे हैं.
साध्वी त्रिकाल भवंता पिछले साल जबरदस्त चर्चा
में आई थी. जब उज्जैन के सिंहस्थ में महाकुंभ मेले का आयोजन हो रहा था तो अपने
अखाड़े को स्नान करने की विशेष सुविधाओं से वंचित रखे जाने पर इन्होंने बहुत बड़ा
हंगामा मचाया था. साध्वी त्रिकाल भवंता अपने आप को ‘परी अखाड़े’ का अध्यक्ष घोषित
करती है. यह अखाड़ा मुख्यतः महिलाओं के लिए ही है. जब फर्जी बाबाओं की पहली लिस्ट जारी की गई थी उस समय भी साध्वी त्रिकाल भवंता
ने बहुत विरोध किया था. जबकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद इलाहाबाद का यह मानना है कि
परी अखाड़ा का कोई इतिहास ही नहीं है. अतः इसका अस्तित्व में आना, इसकी दिनचर्या
की तथा वहां पर होने वाली गतिविधियों की कोई खबर नहीं है इसलिए यह पूर्णरूप से फर्जी
है.
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