नमस्कार दोस्तों, मैं हूं प्रदीप प्रसन्न.
पिछली पोस्ट में मैंने कुछ अजीबो-गरीब तस्वीरों के बारे में बताया था जो आप लोगों
ने बहुत पसंद की थी. इस पोस्ट में भी कुछ इसी तरह की अजीबो-गरीब तस्वीरें के बारे
में आपको बताता हूं . इन तस्वीरों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि कि इन्हें किसी
भी प्रकार से एडिट नहीं किया गया है लेकिन ये तस्वीरें खींची इस तरह से गई है कि जब आप इनको
पहली दृष्टि में देखेंगे तो ये आपको हैरान
कर देंगी और निसंदेह अपने दांतो तले उंगली दबाने के लिए आप मजबूर हो जायेंगे. कुछ
तस्वीरों को तो आप को समझने में हो सकता है अपने दिमाग पर बहुत ज्यादा जोर भी देना
पड़े. तो आइए हम दिखाते हैं ऐसी ही कुछ तस्वीरें.
यह है पहली तस्वीर. बताईये यह क्या है. इसे
आप ध्यान से देखिए. शुरुआत में देखने पर यह तस्वीर आपको लोमड़ी और भेड़िए या इसी
प्रकार के जानवर की तस्वीर लगेगी. जब इसको गौर से आप देखेंगे तो इस तस्वीर के वाइट
वाले हिस्से के बजाय आप जो ब्लैक या छायादार हिस्सा है उसे गंभीरता से देखेंगे तो
आपको पता लगेगा लोमड़ी, भेड़िया या कोई जानवर नहीं है बल्कि यह एक महिला और पुरुष
है. इन दोनों के मध्य एक बच्चा है. महिला और पुरुष आपस में एक दूसरे की ओर मुंह
करके खड़े हैं. एक तरह से इन दोनों ने
अपने सर और बालों की छांव से बच्चे को धूप से ही नहीं हर आपदा से बचा लिया है
मानो.
अब
देखिए दूसरी तस्वीर. यह तस्वीर भी आपको
उसी तरह से एक जानवर की अर्थात खरगोश की तस्वीर लगेगी. लेकिन फिर आप गंभीरता से
देखेंगे तो तस्वीर खरगोश की नहीं बल्कि किशोर लड़के और लड़की की लगेगी. जिन्होंने एक दूसरे से अपने सर टच कर रखे हैं और
दोनों हंस रहे हैं. खिलखिलाती और मुस्कुराती हुई तस्वीर के छायादार हिस्से को
देखकर आपको सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा.
यह देखिए तीसरी तस्वीर. इस तस्वीर में आपको
दिखाई देगा एक महिला ने अपनी गोद में किसी को सुला रखा है और वह उसके सर के ऊपर हाथ फेर रही है. ऐसा नहीं है. गंभीरता से इस तस्वीर को आप
देखेंगे तो पता लगेगा कि इस महिला के हाथ में एक पुस्तक है, जिसे वह पढ़ रही है
परंतु वह पुस्तक हमें इस तरह का आभास देती है जैसे की गोद में कोई अन्य व्यक्ति हो. अचंभित करने वाली ये
तस्वीरें इस प्रकार खींची गई हैं की पहली
दृष्टि में हमें कुछ और दिखाई देती हैं लेकिन जब हम उन्हें एकाग्र होकर गंभीरता से देखते हैं तो उनका एक वास्तविक और अलग रूप दिखाई
देता है. यह हमारा दृष्टि दोष नहीं है बल्कि यह है उस तस्वीर को खींचने या बनाने
की ऐसी कला, जिसमें की पहली बार में वही छवि हमारे सामने अंकित होती हैं जो अधिक
प्रभावी होती है. बल्कि बाद में उसकी वास्तविक छवि हमें दिखाई देती है.
तो
दोस्तों कैसी लगी आपको यह जानकारी, इसी तरह की कलात्मक सृजनात्मक एवं अनोखी चटपटी
खबरों को जानने के लिए हमें फॉलो करें और यह जानकारी आपको कैसी लगी एवं यदि आप
चाहते हैं की मै इसी तरह की मजेदार और अनोखी जानकारी ओर देता रहूँ तो कमैंट्स में
इस बारे में जरूर लिखें. धन्यवाद.
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