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Wednesday, January 2, 2019

These warriors of Mahabharata had the most difficult final wishes : महाभारत के इन योद्धाओं की थी सबसे कठिन अंतिम इच्छाएं


महाभारत एक ऐसा महाकाव्य है जिसके  बहुत सारे तथ्यों के बारे में आज भी लोग नहीं जानते हैं. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि लोग इन महाकाव्य को पढ़ते नहीं हैं. सिर्फ इनकी कहानियां सुनते हैं या देखते हैं. वह भी आधी अधूरी.
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आज हम आपको महाभारत के कुछ योद्धाओं के बारे में बता रहे हैं. जिनकी कठिन अंतिम इच्छाएं थी.
विदुर- विदुर महाभारत में राजनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते हैं. युद्ध के समय जब  विदुर भगवान श्री कृष्ण से मिलने गए और उन्होंने कृष्ण से दुखी होकर कहा कि हे प्रभु मुझे युद्ध के कारण बहुत कष्ट हो रहा  है. तो उन्होंने कृष्ण से कहा कि मेरी मृत्यु के बाद मेरे शरीर का एक कतरा भी इस पृथ्वी पर शेष न रहे. मेरी मृत्यु के बाद मेरे शरीर को न दफनाने  और न जलाएं. बस अपने सुदर्शन चक्र में लिन कर लें.
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घटोत्कच - घटोत्कच ने भगवान कृष्ण को प्रार्थना की थी की उनके मृत शरीर को न भूमि को समर्पित, न अग्नि को और न जल को. बल्कि मेरे मृत शरीर को हवा  में विलीन कर दें.
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कर्ण- कर्ण ने अपनी अंतिम इच्छा पूर्ण करने के लिए भगवान श्री कृष्ण के समक्ष कहा था की उसका अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर हो जहां कोई पाप न हुआ हो. 

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