हमारे देश में कुंभ का मेला लगता है और यह कुंभ का मेला 12 साल के अंतराल के बाद एक बार लगता है. यह भारत के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में अलग अलग लगता है.
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यहां स्नान करने के लिए देश के साथ साथ विदेश के लोग भी आते हैं. दो बड़े कुंभ मेलों के बीच एक अर्ध कुंभ मेला भी लगता है. इस साल 2019 में आने वाला कुंभ मेला दरअसल अर्ध कुंभ मेला ही है.
इस कुंभ मेले में सबसे बड़े आकर्षण का केंद्र होते हैं नागा साधु और इन नागा साधुओं में भी महिला नागा साधु बहुत उत्सुकता से भाग लेती हैं. इन महिला नागा साधु के बारे में आपको बहुत सारी बातें पता नहीं होगी.
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क्योंकि महिला नागा साधु बनने के लिए इन्हें अनेक कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है. यह कठिन परीक्षा मात्र 1 या 2 दिन की नहीं बल्कि 10 साल से 15 साल तक कठिन ब्रह्मचर्य का पालन करना, सन्यासी बने रहना, अपने गुरु को इस बात का विश्वास दिलाना कि वह साधु बनने के लायक है, अखाड़े में साधु संत पिछले जन्म, घर परिवार सबकी की पड़ताल करते हैं.
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इन सब के बाद उसे दीक्षा दी जाती है और जब दीक्षा ग्रहण करने लायक हो जाती है तो उसे नागा साधु बनाया जाता है और सबसे बड़ी बात उसे जीवित रहते ही स्वयं का पिंड दान करना पड़ता है. मुंडन कराकर शाही स्नान करने के लिए भेजा जाता है और भगवान का जप करते हुए उसे नागा महिला साधु बनाते हैं.
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