अनेक कहानियां तो आपने सुनी होंगी. एक कहानी आपने यह भी सुनी होगी की सती माता के शरीर के अंग अनेक जगह गिरे थे. उन जगह पर दुर्गा शक्ति पीठ स्थापित हो गई. सती माता के शरीर के अंग जहां जहां भी गए वहां वहां शक्तिपीठ बन गया.
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एक नहीं बल्कि अनेक स्थान है. बहुत ही पवित्र और पूजनीय माने जाते हैं और वहां सभी जगह पर कोई ना कोई मंदिर की स्थापना हो गई शक्तिपीठ के कारण. ऐसे 51 शक्ति पीठ स्थापित हुए थे.
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लेकिन जब भारत का विभाजन हुआ तो 1 शक्तिपीठ पाकिस्तान में, 4 शक्तिपीठ बांग्लादेश में, चले गए, 1 शक्तिपीठ नेपाल में चला गया. वर्तमान समय में भारत में कुल 42 शक्तिपीठ हैं. शेष इन सभी देशों में चले गए.
इनमें से हम उस शक्तिपीठ के बारे में आपको बता रहे हैं जहां देवी का सर गिरा था. उस शक्तिपीठ का नाम है सुरकंडा देवी. यह मंदिर उत्तराखंड में है. कहा जाता है यहीं पर इंद्र ने मां की आराधना करके उनका आशीर्वाद लिया था.
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यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थापित है. इस मंदिर के कपाट हमेशा खुले रहते हैं. यहां लोग देवी के दर्शन के लिए एवं प्रकृति के सौंदर्य को निहारने के लिए लगातार आते रहते हैं. यह इकलौता शक्तिपीठ जहां पर गंगा दशहरा के मौके पर भव्य मेले का आयोजन होता है.
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