दुनिया में अनेक तरह की परंपराओं का निर्वहन आज भी होता है. जबकि प्राचीन काल में जब विज्ञान का बहुत बोलबाला नहीं था, तो इस तरह की प्रथाएं प्रचलित थी. ऐसी परंपराएं थी जिनके बारे में बहुत अधिक लोगों को ज्ञान नहीं था.
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उन्हें मानते चले आ रहे थे. लेकिन आज 21वीं सदी में भी लोग जो पढ़े लिखे हैं, विज्ञान ने अनेक चीजों का हल खोल लिया है, उसके बावजूद भी अनेक परंपराएं ऐसी हैं जिनका निर्वहन आज भी किया जाता है.
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आज हम आपको एक ऐसी परंपरा के बारे में बता रहे हैं जो मध्य प्रदेश के केशवपुर के आमेट गांव में निभाई जाती है और यह परंपरा पिछले 1000 साल से लगातार चलती आ रही है. इस परंपरा के अंतर्गत गांव में महिलाएं चप्पल नहीं पहन सकती.
अगर गांव की किसी महिला के पैरों में चप्पल दिख जाती है तो उसके पति से उसकी शिकायत कर दी जाती है. जिसके बाद पूरी पंचायत के सामने महिला को दंडित किया जाता है. इसलिए उसे चप्पल हाथ में उठाकर चलना पड़ता है.
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यह चप्पल न पहनने का नियम सिर्फ गांव में है. गांव से बाहर जाने के बाद चप्पल पहन सकते हैं. घर के अंदर चप्पल पहन सकते हैं. लेकिन गांव में महिलाएं चप्पल नहीं पहन सकती.
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