आज से 40 साल पहले साइप्रस में 1981 में 2000 लोगों का पता लगाने के लिए कमेटी का गठन किया गया था, जो कि लगभग 60 से 70 के बीच में गायब हुए थे. कमेटी के लोगों ने उन लोगों की तलाश करनी शुरू की.
तलाश करने की कोशिश में पता लगाने की भी कोशिश की कि इन इंसान की मौत कैसे हुई थी. 2011 में शोधकर्ताओं की एक नजर एक पेड़ पर पड़ी. यह पेड़ गुफा के अंदर था. सबसे बड़ी बात यह है कि यह पेड़ वहां पर था जहां पर पेड़ होना ही अपने आप में चमत्कार की बात होती है.
ऐसे पहाड़ी इलाके में यह अंजीर का पेड़ था, जहां पर पेड़ होने की कोई संभावना नहीं होती है. अक्सर अंजीर का पेड़ इस तरह के पहाड़ी इलाकों में नहीं होते हैं. 1974 में अहमेट हर्ग्युनर नाम के एक शख्स को ग्रीक और टर्की के संघर्ष के बीच मार दिया गया था.
कई सालों तक उसकी लाश नहीं मिली. लेकिन जहां उसकी मौत हुई थी, वहां पर एक पेड़ उग गया था. उस दौरान गुफा में छेद बन गया था. सूरज की रोशनी उस अंधेरी गुफा में पहुंचने लगी और अहमेट हर्ग्युनर के पेट में पड़े अंजीर के बीज को फलने फूलने का मौका मिला और देखते ही देखते यह बहुत बड़ा अंजीर का वृक्ष बन गया. एक तरह से 1974 में मरे अहमेट हर्ग्युनर का ही इंसानी रूप था यह बड़ा अंजीर का वृक्ष.
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