संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती तो आपने देखी होगी. पद्मावत में पद्मावती का रोल निभाने वाली दीपिका पादुकोण, रतन सिंह का रोल निभाने वाले शाहिद कपूर, अलाउदीन खिलजी का रोल निभाने वाले रणवीर सिंह को लोगों ने बहुत पसंद किया. खासतौर से रणवीर सिंह की एक्टिंग लोगों को बहुत अच्छी लगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अलाउदीन की बेटी बहुत ही खूबसूरत थी और वह एक र्ज्कुमार से बेपनाह प्रेम करती थी.
वह राजकुमार राजस्थान के जालौर के रहने वाले थे. इस वीर राजा का नाम था राजकुमार विरमदेव. वीरमदेव कुश्ती के बहुत बड़े योद्धा थे. उनकी कुश्ती की महारत दूर-दूर तक बहुत प्रसिद्ध थी.
वीरमदेव राजकाज के सिलसिले में दिल्ली जाते रहते थे. अलाउद्दीन खिलजी की बेटी का नाम था फिरोजा. फिरोज ने जब विरमदेव को देखा तो पहली नजर में उसे प्यार हो गया. वीरमदेव दिखने में बहुत ही खूबसूरत और हैंडसम थे और दूसरी बात वीरमदेव की सूरत और व्यक्तित्व के बारे में सुनकर तत्कालीन बादशाह अलाउद्दीन खिलजी की पुत्री फिरोजा का दिल तुरंत उन पर आ गया.
शहजादी ने किसी भी कीमत पर वीरमदेव से शादी करने की जिद पकड़ ली. बेटी की जिद के आगे अलाउद्दीन खिलजी को भी झुकना पड़ा. लेकिन अलाउद्दीन खिलजी बहुत ही चालाक शासक थे. एक तीर से दो शिकार करने की सोची. उन्होंने सोचा कि बेटी का विवाह वीरमदेव से करके उसका राजनैतिक फायदा उठा लेंगे. अलाउदीन ने बेटी के विवाह का प्रस्ताव विरमदेव के पास पहुँचाया. लेकिन वीरमदेव ने यह कहकर कि उन का प्रस्ताव ठुकरा दिया.
'मामो लाजे भाटियां, कुल लाजे चौहान, जे मैं परणु तुरकणी, तो पश्चिम उगे भान…।''
अर्थात- अगर मैं तुरकणी(खिलजी की बेटी) से शादी करूं तो मामा (भाटी) कुल और स्वयं का चौहान कुल दोनों लज्जित हो जाएंगे और ऐसा तभी हो सकता है जब सूरज पश्चिम से उगे। इस बात पर अलाउद्दीन खिलजी को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने युद्ध का ऐलान कर दिया. इस युद्ध में विरमदेव वीर गति को प्राप्त हुए. जब यह जालौर का युद्ध हुआ तो वीरमदेव उस समय मात्र 22 वर्ष के थे. लेकिन राजपूतों की शान के साथ वीरमदेव ने युद्ध लड़ा.
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