दोस्तों आप जिस देश में रहते हैं, उस देश की पहचान उसकी अपनी भाषा होती है. भाषा वहां की संस्कृति, वहां की परंपरा, वहां के रीति रिवाज, साहित्य एवं सामाजिकता को प्रस्तुत करती है. और भारत में एकमात्र हिंदी भाषा है जो इन सभी शर्तों पर खरी उतरती है.
इन सभी पायदानों पर खरी उतरती है हिंदी भषा. अत: हिंदी पढ़ना, बोलना, लिखना या समझना सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए अनिवार्य नहीं है जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं. या किसी एकेडमिक परीक्षा को पास करने के लिए जो हिंदी पढ़ते हैं.
एक तरह से हिंदी पढ़ना, बोलना, लिखना अपने देश से प्रेम करना है, अपने देश के गौरव को, अपने देश के इतिहास को, अपने देश की परंपरा एवं विशिष्टताओं को समझना है. हिंदी को समझना है. क्योंकि हिंदी साहित्य में भरपूर मात्रा में ये सारी चीजें उपलब्ध हैं, जो देश की विशिष्टता, उसकी संस्कृति और सांस्कृतिक गौरव को परिभाषित करती है.
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