हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है। तो फिर आपके मन में सवाल उठ सकता है की हिन्दी क्या है। हिन्दी दरअसल इस समय राजभाषा है। अर्थात जिस भाषा में राजकाज किया जा सके। और वह भी हर जगह नहीं। क्योंकि राजकाज का कार्य भी अधिकतर जगह पर अंग्रेजी में ही होता है।
हालांकि हिन्दी में राष्ट्रभाषा बनने की क्षमता है। क्योंकि राष्ट्रभाषा के लिए जिस भाषा में अपार साहित्य, वहां की संस्कृति, इतिहास बयां आदि लिखा गया है, वह हिन्दी है। लेकिन कुछ लोग यह नहीं चाहते कि हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा बने।
वे लोग अंग्रेजी मानसिकता वाले हैं। सभी विभागों में काम करने वाले उच्चअधिकारी हैं। वे चाहते हैं कि हम चूंकि बने अधिकारी हैं। इसलिए आमजन से कुछ अलग नजर आने चाहिएं। इसलिए हम अंग्रेजी में ही बोलेंगे, लिखेगे और काम करेंगे तो हम विशिष्ट कहलायेंगे। और अंग्रेजी भारत के सभी लोग नहीं जानते हैं। दूसरा विदेश से संपर्क में अंग्रेजी आसान है। इसलिए ये अंग्रेजी मानसिकता वाले लोग हिन्दी को राष्ट्रभाषा नहीं बनने दे रहे हैं।
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