दोस्तों कहते हैं किस्मत कब बदल जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसा ही कुछ हुआ है हरियाणा के सिरसा जिले के एक व्यक्ति के साथ. जब ऊपरवाला देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है. यह कहावत कुछ लोगों के साथ सिद्ध हो जाती है.
सिरसा के गांव डबवाली के रहने वाले गोरीशंकर के हाथ में एक ऐसी चीज लग गई की उसकी जिंदगी बदल गई कोई. यह कोई सोना, चांदी, हीरा, जवाहरात नहीं था.
गोरीशंकर मुख्य रूप से गाड़ियों की सीट बनाने का काम करता है. सीट बनाने के अलावा छोटा-मोटा कबाड़ा भी खरीद लेता है और लास्ट में जब उसकी सीट रिपेयरिंग से कुछ कबाड़ा बचता है और और लोगों के पास से जो कबाड़ा आता है उसे वह इक्कठा करके बेच देता है. और जितने पैसे आते हैं उन सब से अपने घर का गुजारा करता था.
इस बार जब उसके पास कबाड़ा इकट्ठा हुआ तो वह बेचने गया कबाड़ी के यहाँ. उसने देखा कि कबाड़े में एक सिक्का है. गोरी शंकर ने उस सिक्के को जेब में रख लिया. बाकी कबाड़ा बेच दिया. उस सिक्के को घर लाकर गौरी शंकर ने साफ किया, तो देखा उस सिक्के पर उर्दू में कुछ लिखा हुआ है. लेकिन क्या लिखा हुआ यह उसकी समझ में नहीं आया. उसने सोचा जरूर इसका कुछ ना कुछ ऐतिहासिक महत्व होगा.
वह सिक्का लेकर किसी इमाम के पास पहुंचा. इमाम ने फौरन बताया कि यह सिक्का 1450 के समय का है. जिस पर मदीना शहर लिखा हुआ है. करीब 567 वर्ष पुराना यह सिक्का है. गोरी शंकर ने अपने दोस्तों के माध्यम से सिक्के की फोटो खींचकर के दुबई पहुंचा दी. वहां पर दुबई के एक बिजनेस मेन ने कहा कि इस सिक्के की कीमत वह डेढ़ करोड़ रुपए देने के लिए तैयार है. गोरी शंकर ने कहा डेढ़ करोड़ नहीं तीन करोड़ रुपए चाहता है. बाद में ढाई करोड़ में सिक्के का सौदा हो गया.
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