महाराष्ट्र के सतारा जिले के मांडवा गांव में साधना पाटील नाम की एक महिला अपने भाई सुनील के यहां राखी बांधने के लिए आई थी. क्योंकि राखी का त्यौहार भारतीय दृष्टिकोणों में बहन भाई के लिए बहुत ही पवित्र त्यौहार माना जाता है और बहन भाई के यहाँ रक्षा सूत्र बांधने के लिए आती है. साधना भी आई थी.
साधना ने मंगलसूत्र पहन रखा था. जिसकी कीमत डेढ़ लाख थी. चोरी के डर से साधना ने वह 5 तोले का मंगलसूत्र भैंस के चारे में छिपा दिया. उसने सोचा कि यहां छुपाने से किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है और आराम से वह सेफ रहेगा. साधना निश्चिंत हो गई.
लेकिन जैसे ही वह सुबह उठी. उठकर साधना ने सबसे पहले भैंस के चारे में मंगलसूत्र तलाशा. लेकिन वह बहुत डर गई. क्योंकि वहां पर मंगलसूत्र नहीं था. दरअसल साधना के भाई ने वह चारा भैंस को डाल दिया और भैंस चारे के साथ मंगलसूत्र को भी खा गई. इस मंगलसूत्र की कीमत करीब डेढ़ लाख बताई जा रही है. यह बात साधना ने अपने भाई सुनील को बताई. जब सुनील को पता लगा तो सुनील को बहुत दुख हुआ और बहन साधना को दुखी देखकर भाई सुनील ने कहा कि ऐसा करते हैं, की भैंस का पेट चीर देते हैं.
उसकी भैंस तो मरेगी लेकिन तुम्हारा मंगलसूत्र मिल जाएगा. किसी ने कहा कि एक दूसरा रास्ता भी है. जब भैंस गोबर करेगी तो संभव है, हो सकता है उसके गोबर के साथ में मंगलसूत्र बाहर आ जाए. इसी बीच किसी ने सलाह दी. किसी डॉ. को बुला लीजिए हो सकता है कोई उपचार कर दे. फिर क्या था.
एक पशु चिकित्सक को बुलाया गया. डॉक्टर ने आकर के भेंस की सर्जरी की. जिससे की सफलतापूर्वक मंगलसूत्र को निकाल लिया गया. इससे मंगलसूत्र भी निकल गया और भेंस भी बच गई.
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