पंजाब के दो अलग अलग स्थानों पर दो किसानों ने आत्महत्या करली। पटियाला के गांव बरसट में एक 34 साल के किसान मनदीप ने कर्ज से परेशान होकर फांसी का फंदा लगा लिया। परिवार वालों ने कहा कि एक आढती बार बार अपना कर्जा मांगता था, उसे ने एक तरह से इस किसान को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया है। पुलिस ने इस आढती के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। लेकिन आरोपी अभी पकडा नहीं गया है।
दूसरी घटना बरनाला के कस्बा महलकलां के रहने वाले किसान मनजीत सिंह की है। मनजीत सिंह ने कर्ज से परेशान होकर जहर खा लिया। परिवार वालों ने बताया कि मनजीत का विवाह दो साल पहले हुआ था। वह खेती करता था। उसके पास आय का कोई दूसरा साधना नहीं था। इस कारण उसने विवाह के समय जो कर्जा लिया था, वह खेती से नहीं उतार पाया। क्योंकि खेती से इतनी ही आय होती थी जिससे कि वह अपने परिवार का गुजार कर सके। लेकिन कर्ज वाले आए दिन परेशान करते थे। इसी बात से परेशान होकर मनजीत ने आत्महत्या करली।
एक सवाल यह उठता है कि किसान के पास जमीन होती है। वह उसमें अनाज पैदा करता है। लेकिन उसे उसकी फसल के उचित और अच्छे दाम नहीं मिलते हैं। इस कारण उसे कर्जा लेना पडता है। वह कर्ज चुका नहीं पाता है। उसे आत्महत्या करनी पडती है। एक तरह से यह आत्महत्या नहीं है बल्कि हत्या है। यह हत्या सरकार करती है। क्योंकि सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए किसान की फसल को अच्छे और उचित दामों में बेचा जाए। जिससे कि उसे उचित पैसा मिल सके। यदि इस तरह की व्यवस्था सरकार करें तो कोई किसान आत्महत्या न करें।
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