पुलवामा हमले के बाद पूरा देश एकजुट हो गया है. देश में अनेक जगह पर प्रदर्शन हो रहे हैं. शहीदों की याद में कैंडल मार्च हो रहे हैं. दुकानें बंद की जा रही है. स्कूल कॉलेज बंद किए जा रहे हैं.
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लोगों की इच्छा है की बदला लेना चाहिए. राजनितिक दल भी इस मुद्दे पर सियासत को परे रखते हुए एकजुट होते हुए दिखाई दे रहे हैं. अनेक नेताओं ने अपने बयान में कहा है कि शहीदों की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए.
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इस मौके पर पहली बार लालकृष्ण आडवाणी ने चुप्पी तोड़ी है और उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ बड़ा बयान दिया है. वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने एक लंबे समय के बाद अपनी चुप्पी को तोड़ा है. गुस्सा जाहिर किया है.
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लालकृष्ण आडवाणी वैसे शांत रहते हैं और आजकल राजनीति से बहुत दूर हैं. भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि आतंकवादी और उनके प्रायोजक को समझना चाहिए कि भारत को वह अपने गलत इरादों से बाँट नहीं सकते. भारत चुप है इसका मतलब यह नहीं कि वह कमजोर है. हमारी चुप्पी को हमारी कमजोरी न समझे. हम बहुत जल्द मुंह तोड़ जवाब देंगे. शहीदों की शहादत बेकार नहीं जाएगी.
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