Sunday, May 13, 2018
मातृ दिवस पर माँ के लिए इससे बेहतर कविता नहीं पढ़ी होगी : Mother's Day will not read better poems for Mother
Posted by dr.pradeep kumar on 3:15 AM in others | Comments : 0
कोई ऐसा काम मत करना जिससे माँ कभी दुःख हो
आज माँ दिवस है इसलिए माँ के लिए कुछ शब्द.
मेरी मां पढ़ी लिखी नहीं है
इसलिए गिनती नहीं जानती
जब भी मुझे खाना खिलाती है
तो चार रोटी रखती है
लेकिन सिर्फ दो गिनती है
मैं समझ नहीं पाता हूं
की मां को गिनती नहीं आती है
या मैं ही नादान हूं
माँ जब दो रोटी और रखती है
तो मैं कहता हूँ
मां
मैं चार खा चुका हूँ
तो माँ कहती है
झूठ बोलता है
तुझे गिनती नहीं आती
मैंने तो दो ही रखी थी
मेरी सारी पढाई
माँ की गिनती के आगे
व्यर्थ हो जाती है
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