रामायण और महाभारत दोनों ही
ग्रंथ भारतीय समाज में सामाजिक एवं धार्मिक दृष्टि से बहुत ही प्रसिद्ध है तथा
इनकी कथाएं बहुत प्रचलित ही नहीं बल्कि धार्मिक एवं सामाजिक प्रभाव के कारण मन के
बहुत करीब भी है. भारतीय लोगों के मानस में इसकी कथा एवं चरित्र हृदय के बहुत निकट
बसे हुए हैं. अतः इनकी कथाओं से तथा इनके चरित्रों से जुड़ना बहुत सहज और आत्मीयता
है.
बी आर चोपड़ा द्वारा निर्देशित महाभारत टीवी सीरियल अपने समय में जबरदस्त
चर्चित हुआ था. उसी TV सीरियल महाभारत में दुर्योधन का पात्र करने वाले फिल्म, TV एवं थिएटर अभिनेता पुनीत इस्सर
को उस रोल के लिए अक्सर याद किया जाता है. साथ ही अनेक फिल्म में किए गए उनके
अभिनय एवं विशेष रूप से कुली में अमिताभ बच्चन के साथ उनके एक्शन में अमिताभ बच्चन
के चोट आने के कारण भी उन्हें अक्सर याद किया जाता है तथा रामायण में रावण का रोल
अभिनीत करने के कारण भी अक्सर याद किया जाता है. इसी श्रंखला में राजस्थान के अलवर में अलवर रंग
महोत्सव 2018 के कार्यक्रम के तहत पुनीत इस्सर द्वारा अभिनीत
नाटक रावण की रामायण का मंचन किया गया. रंग संस्कार थिएटर ग्रुप देशराज मीणा एवं
कारवां फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में पुनीत इस्सर के रोल को लोगों
ने खूब सराहा.
रावण के दृष्टिकोण से रामायण
को देखना तथा रावण के चरित्र की भी उन विशेषताओं को,
उन पक्षों को लोगों के सामने रखना जिससे कि यह
स्पष्ट हो कि रावण का यह भी एक चरित्र है,
यह भी एक दृष्टिकोण है, सोचने का और उन्हें जानने का. अतुल सत्य कौशिक
द्वारा निर्देशित एवं लिखित पारसी और आधुनिक शैली के मिश्रित रूप में खेला गया
रावण की रामायण नाटक निश्चित रूप से बेहद ही प्रभावी और उम्दा प्रस्तुति के रूप
में अपनी छाप छोड़ने में सफल रहा.
अलवर का प्रताप ऑडिटोरियम पुनीत इस्सर के नाटक रावण
की रामायण को देखने के लिए खचाखच भरा हुआ था. बेहद ही जबरदस्त आवाज में जब पुनीत
इस्सर अपने संवादों की अदायगी कर रहे थे तो निश्चित रूप से उनके अभिनय का जादू
ऑडिटोरियम में चारों तरफ बिखर रहा था और लोग रोमांचित होकर तालियां बजाने के लिए
मजबूर हो रहे थे. बहुत ही शानदार और जबरदस्त प्रस्तुति के बाद लोगों के सकारात्मक
रुझान से ऐसा आभास होता है कि अलवर की जनता फिर से थियेटर के प्रति जागरुक होने
लगी है और निश्चित रूप से रंग संस्कार थिएटर ग्रुप एवं कारवां फाउंडेशन के माध्यम
से आयोजित अलवर रंग महोत्सव 2018 बहुत ही सुंदर और प्रशंसनीय कार्य है.
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