जीवन में कब क्या घटना हो जाए किसी को
कुछ नहीं पता. कुछ देर पहले जो प्रिय होता है कुछ समय बाद ही वह दुख में बदल जाता
है. इस तरह की स्थितियां जीवन में पल पल घटती रहती है. खुशियों के साथ गम भी आएगा
लगभग यह भी तय है और यही जीवन के पक्ष है.
नए साल की शुरूआत में खेल की दुनिया में यही
बड़ी शौक की खबर है कि भारत के लिए ओलंपिक में स्विमिंग में गोल्ड मेडल जीतने वाले
शमशेर खान का निधन हो गया है.
शमशेर खान एक बेहतरीन स्विमिंग खिलाड़ी
अपने समय के रहे हैं. उन्होंने अनेक खेल प्रतियोगिताओं में पुरस्कार अर्जित किए. उनका ओलंपिक में गोल्ड
मेडल लाना बहुत जबरदस्त चर्चा का केंद्र में रहा था. शमशेर खान ने भारत को गोल्ड
मेडल ही नहीं दिलाया था बल्कि भारत की तरफ से खेलते हुए थे यह पहले ऐसे शख्स थे
जिन्होंने तैराकी में हिस्सा लिया था. उनसे पहले तैराकी में कोई भी भारत की ओर से
मैडम नहीं ला पाया था.
शमशेर खान जी का दिल का दौरा पड़ने के
कारण 87 साल की उम्र में
निधन हो गया है. उनके परिवार के बारे में यदि बात करें तो इनके तीन बेटियां और दो
बेटे हैं. शमशेर भारत के लिए गोल्ड मेडल उस समय लाए थे जब भारत की तरफ से खेलने
वाले खिलाड़ियों को आमतौर पर बहुत कम सुविधाएं मुहैया हुआ करती थी. आज के जमाने तो
खिलाड़ी के लिए बहुत सारी सुविधाएं एवं धन सरकार तथा अन्य लोग भी उपलब्ध करवा देते
हैं लेकिन उस समय इस तरह की स्थितियां नहीं थी.
अभाव में पले-बढ़े शमशेर खान ने अपने देश
का नाम रोशन करते एक बहुत बड़ी मिसाल कायम की थी. 1956 के ओलंपिक में हिस्सा लेकर वह गोल्ड रहे
थे. शमशेर खान सेना में काम करते थे और एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने एक
इंटरव्यू में बताया था की एक प्रतियोगिता में मेलबार्न गए थे. सरकार ने वहाँ जाने का
टिकिट तो बुक करवा दिया लेकिन आने जाने का खर्चा उनकी जेब से हुआ और उसके लिए तीन
सो रूपये लोन लेना पड़ा था और बाद में सेना के 3 महीने के वेतन में वह काटता रहा था. भारत
के इस महान खिलाड़ी को नमन.
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