दोस्तों नमस्कार, मैं प्रदीप प्रसन्न, आज
मैं आपसे बात कर रहा हूं बिग बॉस अर्थात रियलिटी शो को देखते हुए पड़ने वाले मस्तिष्क
एवं शरीर पर प्रभाव के बारे में. TV
पर या फिल्म में दिखाए गए कार्यक्रमों में एक मुख्य उद्देश्य होता
है मनोरंजन. इसमें कोई शक नहीं कि मनुष्य मनोरंजन के लिए तरह तरह की क्रिया प्रतिक्रिया
करता है और यहां से वहां जाता है और मनोरंजन की इस प्रक्रिया का प्रचलन बहुत प्राचीन
काल से चला आ रहा है. समय और परिस्थिति के साथ मनोरंजन के माध्यम बदले. प्राचीन समय
में आखेट खेलना, जुआ खेलना यहां तक कि कई बार युद्ध लड़ना, चौसर, शतरंज, शर्तें लगाना, नृत्य, मुशायरे, मुजरे इत्यादि अनेक
प्रकार के कार्यक्रम मनोरंजन के लिए होते थे. समय के साथ में बदलाव हुआ और बदलाव होना
लाजमी है.
आज की तारीख में इंटरनेट, मोबाइल, सोशल मीडिया
के जमाने में पुराने मनोरंजन के खेल कबड्डी, खो-खो, गिल्ली-डंडा, आईस-पाइस, पकड़म पकड़ाई, कुश्ती
ये सभी खेल या मनोरंजन के साधन एक तरह से आउट डेटेड या फिर पिछड़े हुए हो गए. खेलों
में मनोरंजन का प्रमुख साधन आज क्रिकेट है या फिर फुटबॉल, बॉलीवुड, बास्केटबॉल या टेनिस
इत्यादि बन गए हैं जो की बहुत महंगे और खर्चीले खेल हैं.
लेकिन हम बात कर रहे टीवी पर दिखाए जाने वाले
रियलिटी शोजस बिग बोंस के बारे में. बिग बोंस का कोई भी एपिसोड आज तक मैंने पूरा नहीं
देखा है. कल एक एपिसोड 45 मिनट तक देखा. मैं प्रारंभ से ही शो के प्रति बहुत उत्साहित नहीं
रहा हूँ. उसके पीछे कारण यह है कि टीवी पर दिखाए जाने वाले अधिकतर रियलिटी शो के नाम
से चलने वाले शो वास्तव में रियलिटी शो होते ही नहीं है, जबकि पूर्व में ही शूट किए
गए तथा नियोजित होते हैं-कि कौन, क्या, कब, कहां करेगा. यह पहले से तय होता है. अब
बात करते हैं बिग बॉस की. बिग बॉस में आप देखते हैं कि बहुत सारे कंटेंट्स आपस में
झगड़ते हैं, लड़ते हैं, एक दूसरे पर गाली गलोच करते हैं. रोमांस करते हुए दिखाए जाते
हैं. ये ऐसे दृश्य होते हैं जो हमारे मन में उत्सुकता पैदा करते हैं. उनके निजी प्रसंगों
को भी कई बार दिखाया जाता है.
इस तरह के कार्यक्रमों को देख कर हम अलग-अलग
प्रकार की राय बनाते हैं लेकिन एक बात स्पष्ट है कि हम बहुत सारे लोग इनसे इस तरह से
जुड़ जाते हैं जैसे की हमारे जीवन का यह एक हिस्सा है. जबकि आपको बता दें कि एक रिसर्च
ने कहा 40 मिनट तक लगातार यदि
आप किसी कार्यक्रम को देखते हैं और वह हिंसा या उत्तेजना फैला रहा है तो आपके मस्तिष्क
के अंदर वह कुछ प्रतिशत उत्तेजना और हिंसा चली जाएगी और यह स्वाभाविक है. क्योंकि मनुष्य
सबसे अधिक चीजों को देख करके सीखता है और उन्हीं का अनुकरण करते हुए अपने जीवन में
लागू करने की कोशिश करता है.
बिग बोंस के जो घर में रहने
वाले लोग हैं. ये कौन हैं. यदि वे लोग हैं जिन्हें बहुत सारे लोग जानते नहीं हैं. इनमें
से एक या दो ऐसे लोग लिए जाते हैं जिनके चेहरे चर्चित होते हैं. ये वे लोग हैं जो एक
दूसरे के साथ बकवास कर सकते हैं. गाली गलौज दे सकते हैं और ऐसा करने के लिए उन्हें
कहा जाता है. ऐसा करने के लिए उन्हें पैसा मिलता है. कई बार हम इन लोगों के साथ ऐसे
जुड़ जाते हैं कि जैसे ही इनमे से कोई एलिमेट हो जाता है तो हमें बहुत बुरा लगता है
या हम उस एलिमेट को सही मानते हैं तो बहुत खुश होते हैं.
हम यह सोचते हैं कि हमने कितना सही निर्णय
लिया है. हम भी यही चाहते थे कि वह कंडीडेट एलिमेट हो, लेकिन यह एक गलतफहमी है और कुछ
नहीं. हमारी दिनचर्या का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा Bigg Boss जैसे रियलिटी शो की चर्चा करते हुए निकल जाता
है. हम जब एक दूसरे से मिलते हैं तो कहते हैं शिल्पा ने आज ऐसा किया, हिना ऐसा कह रही
थी, लव इस तरह से सोच रहे हैं, विकास का गुस्सा ठीक नहीं लगा मुझे. यह सब क्या है?
यह सब आपका कार्य नहीं है. यह एक तरह से हमारे मस्तिष्क को ब्लॉक करने का तरीका है
कि हम नया कुछ सोचे ही नहीं बल्कि उसी के बारे में बात करें जो हमारे इर्द-गिर्द घट
रहा है. विशेष रुप से इन टीवी चैनलों के माध्यम से या इसी तरह की न्यूज़ के माध्यम
से जो हमें दिखाया, बताया जा रहा है. हम उसे या तो सच माने या सच के करीब.
हम दिन भर इन्हीं की बात करते हैं, ऐसा करने
से हम नया कुछ भी नहीं सोच पाते हैं. और हम ही नहीं, हमारे साथ बहुत सारे लोग इसी तरह
की बात करते हैं तो हमें आभास होता है कि जो हम चर्चा कर रहे, वह चर्चा तो आम है. क्योंकि
सभी लोग ऐसा ही सोच रहे हैं और इसी के बारे में बात कर रहे हैं. बल्कि हम तो बिल्कुल
अपडेट है. हम वही चर्चा कर रहे हैं जो लेटेस्ट है, आज बाजार में सभी जगह की जा रही
है अर्थात हम आधुनिकता के साथ हैं और यह आधुनिकता हमें गर्त में ले जाने के सिवा और
कुछ नहीं करती. Bigg Boss में जितने भी लोग हैं उन सब को पैसा मिलता है. लड़ने-झगड़ने और प्यार
करने का पैसा भी मिलता है. लेकिन हमें क्या मिलता है? यदि आपका जवाब यह है की मनोरंजन.
तो माफ करना वह मनोरंजन नहीं है. वह एक तरह से तनाव है. आपके मन और मस्तिष्क दोनों
के ऊपर. बल्कि कई बार तो आपका समय और पैसा इन सबमें नष्ट भी हो जाता है. जब आप इस तरह
के रियलटी शो के लिए वोट करते हैं तो निश्चित रुप से आप का बैलेंस कटता है. इन्हें
देखने पर आपका समय खराब होता है. इस पर चर्चा करते हैं तो आप की बहुत सारी इंद्रियां
इसमें सक्रिय हो जाती हैं. आपकी भाषा, बोली, एनर्जी खत्म हो रही है.
रियलिटी शो के नाम से पर दिखाए जाने वाले
इस तरह के कार्यक्रम निश्चित रूप से मनुष्य को निष्क्रिय बनाने की कोशिश है. अतः इस
तरह के शो आप न देखें तो बेहतर होगा और इन पर बैन लगे इस तरह की मुहिम के लिए कुछ कोशिश
की जाए.
तो दोस्तों है न यह अजीब, अचंभित और रोमांचित करने वाली तस्वीर. अगर आप इसी
तरह की कला, फिल्म एवं रोचक जानकारी, तथा
तस्वीरों के बारे में जानना चाहते हैं तो हमें फॉलो करें. दोस्तों यह जानकारी आपको
कैसी लगी एवं यदि आप चाहते हैं की मै इसी तरह की मजेदार और अनोखी जानकारी ओर देता
रहूँ तो कमैंट्स में इस बारे में जरूर लिखें. धन्यवाद.
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