मशहूर गायिका लता मंगेशकर की आवाज को जब भी कोई सुनता है तो निश्चित रूप से उनकी आवाज़ का दीवाना हो जाता है. इतना गजब का, इतना प्यारा, इतना सॉफ्ट गाना लता जी के अलावा कोई गा ही नहीं सकता.
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भारत की स्वर कोकिला कहा जाता है उन्हें. लेकिन क्या आपको पता है 1962 में मशहूर गायिका लता मंगेशकर को मौत के मुंह से बाहर आना पड़ा था. जब लता जी 30 साल की थी, उस समय लता मंगेशकर को जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी.
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लेखिका पद्मा सचदेवा की किताब में इस घटना का पूरा वर्णन है. उनकी किताब में ऐसा कहा गया है एक दिन जब सुबह लता मंगेशकर सो कर उठी तो उनके पेट में तेज दर्द हुआ. उन्होंने उलटी की. उल्टी में हरे रंग की कोई चीज दिखाई दे रही थी.
लता मंगेशकर की हालत इतनी खराब हो गई की बाद में डॉक्टर को बुलाया गया और तुरंत ही उनका इलाज प्रारंभ किया गया. 10 दिनों बाद उनकी तबीयत में सुधार आया. तब डॉक्टर ने उन्हें बताया इनको जहर दिया गया था.
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उस दिन उनका रसोइया नौकरी छोड़ कर भाग गया था. अपनी बकाया तनखा भी लेकर नहीं गया था. जिसके बाद रसोईया का काम लता मंगेशकर की छोटी बहन उषा मंगेशकर ने संभाला.
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