Father's Day: a poem devoted to father : पितृ दिवस:पिता को समर्पित एक कविता
Posted by
dr.pradeep kumar
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4:59 PM
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पितृ दिवस:
हमेशा मुझे प्रेरित करते हैं
पिता
ऐसे आकाश धर्मा
पिता के लिए शब्द मेरे पास कम है
लेकिन भाव बहुत हैं
पिता क्या है
यह किसी कविता में बयां नहीं किया जा सकता
पिता क्या है
यह सिर्फ महसूस किया जा सकता है
वही महसूस कर सकता है
जो एक बच्चा है
आपके जीवन को
संवारने का
दूसरा नाम है पिता
आपके अभाव की
पूर्ति करने का
दूसरा नाम है पिता
बच्चों के लिए
48 डिग्री तेज धुप में
काम करने का
दूसरा नाम है पिता
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए
हर तरह के कष्ट को सहने का नाम है पिता
अपने दुख की परवाह न करते हुए
बच्चों के सुख के लिए जीने का नाम है पिता
जिंदगी भर चंद पैसों की नौकरियां मजदूरी कर
बच्चों के सपने बुनने का दूसरा नाम है पिता
एक जोड़ी पहनने के कपड़े
और फटी जूतियां होने के बाद भी
यह कहना - मेरे पास बहुत है कपड़े
तुम्हारे पास कम है तुम सिल्वा लो
ऐसी दरियादिली का दूसरा नाम है पिता
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