भारत में अनेक समुदाय ऐसे हैं जहां पर अलग-अलग रीति रिवाज, मान्यता एवं परंपराएं हैं. जिस्मफरोशी का धंधा अनेक जगह पर अनेक तरह से चलता है. मध्यप्रदेश के मंदसौर से नीमच की ओर जाने वाली हाईवे सडक पर बसी हुई बस्तियों का भी यही हाल है.
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यहां पर बसी हुई बस्तियों में आपको नजारा देखने को मिल जाएगा जिस्म का धंधा करती हुई लड़कियों का. सबसे बड़ी यह धंधा करने वाली लड़कियां अपनी मर्जी से नहीं बल्कि घर वालों की मर्जी से यह काम करती हैं.
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यह जो जिस्मफरोशी का धंधा करती हैं लड़कियां वे अधिकतर बांछड़ा समुदाय की हैं और कम उम्र में ही इस धंधे में उतर जाती है. मजबूरन उनके घर वालों या परिवार वालों के द्वारा इस धंधे में उन्हें उतारा जाता है.
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इस धंधे को करवाने में समुदाय अपनी परंपरा मानता है लेकिन अब एक तरह से यह मजबूरी बन गई है और उनके जीवन यापन का धंधा भी बन गया है. परिवार में कोई लड़की जन्म लेती है तो एक तरह खुशी होती है. इस दलदल में फंसी लड़कियों की भी इच्छाएं हैं आगे कुछ करने की.
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