वैलेंटाइन डे यानी कि प्रेम का दिवस. प्रेम करने वाले इस दिन अपने प्रेमियों को चॉकलेट, तोहफे एवं अनेक प्यार के उपहार देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है. इसका यह नाम अर्थात वैलेंटाइन डे क्यों पड़ा. आइए आज हम आपको बताते हैं वैलेंटाइन डे के इतिहास से जुड़ी हुई कुछ खास बातें. जिन्हें जानकर आप निश्चित रूप से हैरान हो जाएंगे.
‘आरिया ऑफ़ जैकोबस डी वाराजिन’ नामक एक पुस्तक है. जिसके अंदर वैलेंटाइन का जिक्र किया गया है. जिसमें लिखा है कि मुख्य रूप से यह दिवस एक रोम के पादरी संत वैलेंटाइन के नाम से मनाया जाता है. उस पुस्तक में लिखा है कि संत वैलेंटाइन दुनिया में प्रेम को बढ़ावा देने पक्ष में कार्य करते थे. उनकी मान्यता थी कि प्रेम के माध्यम से ही दुनिया को जीता जा सकता है. प्रेम से ही इस दुनिया के अंदर खुशियां कायम की जा सकती है.
लेकिन रोम के राजा क्लॉडियस को उनकी यह बात पसंद नहीं आई. इसलिए राजा प्रेम विवाह के सख्त खिलाफ थे. वे प्रेम विवाह को गलत मानते थे. रोम के सम्राट क्लॉडियस को लगता था कि रोम के लोग अपनी पत्नी, प्रेमिका एवं परिवार के साथ अत्यधिक मजबूत रिश्ते की वजह से सेना में भर्ती नहीं होना चाह रहे हैं.
इस समस्या का निदान किस प्रकार से हो. यह ध्यान में रखते हुए रोम के राजा क्लाउडियस ने रोम में शादी और सगाई पर प्रतिबंध लगा दिया. संत वैलेंटाइन ने सम्राट क्लाउडियस के इस फैसले को नाइंसाफी के तौर पर महसूस किया. उन्होंने इस फैसले को नहीं मानते हुए अनेक अधिकारियों तथा सैनिकों की शादियां भी करवाई. लेकिन राजा ने देखा कि उसके हुकुम का पालन नहीं हो रहा है तो उन्होंने तानाशाही करते हुए संत वैलेंटाइन को १४ फरवरी को फांसी की सजा सुना दी.
उस दिन से हर साल इसी दिन यानि १४ फरवरी को प्यार के दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
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