(10) संकल्प या प्रस्ताव ¼Resolution½
संकल्प
या प्रस्ताव का प्रयोग सरकार की नीति
सम्बन्धी
घोषणा करने के लिए,
जाँच
आयोगों
की
नियुक्ति अथवा समितियों या आयोगों के
महत्त्वपूर्ण
प्रतिवेदनों के परिणामों की घोषणा के
लिए
होता है। इसमें स्वनिर्देश और सम्बोधन
नहीं
होता है। संकल्प के अन्य आलेखों की
भांति
संख्या, दिनांक तथा विभागीय सचिव या
अधिकारी
के हस्ताक्षर होते है।
संकल्प
चार भागों में प्रकाशित किया जाता है-
पहले
भाग में संकल्प की आवश्यकता या उद्देश्य
का
उल्लेख रहता है। दूसरे भाग में मूल तथ्यों
का
समावेश रहता है। संकल्प के तीसरे भाग में
सरकारी
निर्णय का उल्लेख होता है और चौथे
भाग
में उन व्यक्तियों के नाम होते है जिनके
पास
संकल्प की प्रतिलिपि भेजी जाती है। यदि
संकल्प
राजपत्र (गजट) में प्रकाशित होता है, तो
उसका
भी उल्लेख कर दिया जाता है।
उत्तर
प्रदेश शासन के विधि मन्त्रालय द्वारा एक
संकल्प
तैयार कीजिए जिसमें वर्तमान समय की
आवश्यकताओं
को देखते हुए विधि निर्माण आदि
से
सम्बन्धित कमियों में सुधार सम्बन्धी सुझाव
प्रस्तुत
किए गए हों।
उत्तर
प्रदेश के राजपत्र (गजट) में प्रकाशनार्थ
संख्या........
उत्तर
प्रदेश शासन,
विधि
मन्त्रालय,
लखनऊ।
दिनांक
.......
संकल्प
वर्तमान
समय की आवश्यकताओं को देखते हुए
यह
अनुभव किया जा रहा है कि विधि निर्माण
आदि
के सम्बन्ध में कुछ कमियाँ है, जिनमें
सुधार
की बड़ी आवश्यकता है। अतः उत्तर प्रदेश
सरकार
ने एक समिति गठन करने का निश्चय
किया
है, जो कानूनों के सुधार के लिए अपने
सुझाव
देगी। समिति में सरकारी तथा
गैर-सरकारी
उच्च कोटि के विधिवेत्ताओं को
रखा
जाएगा।
सुविख्यात
विधिशास्त्री श्री महेश चन्द्र शर्मा को
समिति
का अध्यक्ष बनाया गया है, श्री रामपाल
सिंह
एवं ज्ञानेन्द्र वर्मा समिति के सदस्य होंगे।
समिति
क़ानूनी अव्यवस्था को दूर करने पर
विचार
करेगी और अपना प्रतिवेदन उत्तर प्रदेश
सरकार
को वर्ष 20ग्ग् के अन्दर प्रस्तुत कर
देगी।
आदेश
यह
आदेश दिया जाता है कि इस संकल्प की
एक-एक
प्रति निम्नलिखित व्यक्तियों के पास
भेज
दी जाए-
1.
श्री
महेशचन्द्र शर्मा,
2.
श्री
रामपाल
3.
श्री
ज्ञानेन्द्र वर्मा।
जन
साधारण की सुविधा एवं जानकारी के लिए
यह
आदेश जारी किया जाता है कि इस संकल्प
को
उत्तर प्रदेश के राजपत्र (गजट) में प्रकाशित
कर
दिया जाए।
(दीप नारायण)
सचिव,
उत्तर
प्रदेश सरकार।
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