वाक्य शुद्धि-3
6. कर्म कारक सम्बन्धी अशुद्धियाँ -
वाक्य में कर्म पर अधिक बल देने के लिए ’को’
चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
जैसे -
अशुद्ध - इस कार्य में रमेश ने सफलता को
प्राप्त नहीं किया।
शुद्ध - रमेश ने इस कार्य में सफलता प्राप्त
नहीं की।
अशुद्ध - इलाहाबादी आम जिसने भी खाए है,
प्रशंसा की है।
शुद्ध - इलाहाबादी आम जिसने भी खाए हैं,
उनकी प्रशंसा की है।
अशुद्ध - उसको तो देर से आने की आदत है।
शुद्ध - उसे तो देर से आने की आदत है।
अशुद्ध - उद्योगी व्यक्ति समय को नष्ट नहीं
करते।
शुद्ध - उद्योगी व्यक्ति समय नष्ट नहीं करते।
अशुद्ध - कश्मीर सीमा पर सरकार आतंक को
कभी सहन नहीं करेगी।
शुद्ध - कश्मीर में सरकार आतंकवाद कभी सहन
नहीं करेगी।
अशुद्ध - इस पाठ को पढ़ो।
शुद्ध - यह पाठ पढ़ो।
अशुद्ध - मुझे बहुत पुस्तकों को पढ़ना पङता
है।
शुद्ध - मुझे बहुत पुस्तकें पढ़नी पङती हैं।
अशुद्ध - महात्मा गाँधी जी ने हरिजन को
सम्बल दिया।
शुद्ध - महात्मा गाँधी जी ने हरिजनों को संबल
दिया।
अशुद्ध - दीनानाथ प्रतिदिन पाठशाला को जाता
है।
शुद्ध - दीनानाथ प्रतिदिन पाठशाला जाता है।
अशुद्ध - उसको तो समझ में आता नहीं।
शुद्ध - उसे तो समझ में आता नहीं।
7. करण कारक सम्बन्धी अशुद्धियाँ -
जहाँ साधन रूप में प्रयुक्त करण का प्रयोग होता
है वहाँ ’से’ चिह्न का प्रयोग होता है, लेकिन
करण पद के सामने वाले शब्द के साथ समास
हो जाने पर ’से’ चिह्न लुप्त हो जाता है।
जैसे -
अशुद्ध - जल्दी करो नल में से पानी भर लो।
शुद्ध - जल्दी करो, नल से पानी भर लो।
अशुद्ध - प्रिय शिष्य आनन्द ने गौतम बुद्ध की
दीक्षा ली।
शुद्ध - प्रिय शिष्य आनन्द ने गौतम बुद्ध से
दीक्षा ली।
अशुद्ध - तीन दिन से वह बस के साथ ही
यात्रा कर रहा है।
शुद्ध - तीन दिन से वह बस से यात्रा कर रहा
है।
अशुद्ध - अपनी गरज को नाक रगङता फिरता
है।
शुद्ध - अपनी गरज से नाक रगङता फिरता है।
अशुद्ध - सुनील ने चिढ़ते हुए कहा कि मुझे
फूल मत मारो।
शुद्ध - सुनील ने चिढ़ते हुए कहा कि मुझे फूल
से मत मारो।
अशुद्ध - यह सरकारी कार्यालय ईंट और चूने
का है।
शुद्ध - यह सरकारी कार्यालय ईंट और चूने से
बनाया गया है।
अशुद्ध - यह अवतरण ’सूर के पद’ का लिया
गया है।
शुद्ध - यह अवतरण ’सूर के पद’ से लिया गया
है।
8. सम्प्रदान कारक सम्बन्धी अशुद्धियाँ -
सम्प्रदान कारक का चिह्न ’के लिए’ है, किन्तु
हिन्दी में इसके लिए ’को’ चिह्न भी मान्य है।
वाक्य का आकार अनावश्यक लम्बा न हो
इसलिये चतुर्थी या सम्प्रदान के अर्थ में बहुधा
’को’ चिह्न का प्रयोग होता है तथापि ’के लिये’
सर्वथा वर्जित नहीं है, अपितु जहाँ वाक्य स्वरूप
या शब्द समन्वय जिस चिह्न (के लिए/को) से
अच्छा प्रतीत होता हो तो वहाँ उसका प्रयोग
होना चाहिए।
जैसे -
अशुद्ध - पिता ने पुत्र के लिए एक रुपया दिया।
शुद्ध - पिता ने पुत्र को एक रुपया दिया।
अशुद्ध - कुछ लोग खाने को जीते हैं, और
कुछ जीने को खाते हैं।
शुद्ध - कुछ लोग खाने के लिए जीते हैं और
कुछ जीने के लिए खाते हैं।
अशुद्ध - कृपया आप मेरे लिए क्षमा दें।
शुद्ध - कृपया आप मुझे क्षमा करें।
अशुद्ध - गाँधी जी ने देश के लिए स्वतंत्रता
दिलाई।
शुद्ध - गाँधी जी ने देश को स्वतंत्रता दिलाई।
अशुद्ध - पुजारी जी ने भक्तों के लिए भजन
सुनाया।
शुद्ध - पुजारी जी ने भक्तों के लिए भजन
सुनाया।
अशुद्ध - पंचवर्षीय योजना में कृषि-सुधार पर
बहुत महत्त्व दिया गया है।
शुद्ध - पंचवर्षीय योजना में कृषि-सुधार को
बहुत महत्त्व दिया गया है।
अशुद्ध - दरगाह शरीफ का दरवाजा सबको
खुला रहता है।
शुद्ध - दरगाह शरीफ का दरवाजा सबके लिए
खुला रहता है।
अशुद्ध - ललिता ने अपनी सहेली के लिए
निमंत्रण-पत्र दिया।
शुद्ध - ललिता ने अपनी सहेली को
निमंत्रण-पत्र दिया।
9. अपादान कारक सम्बन्धी अशुद्धियाँ -
जिस वस्तु से कोई वस्तु अलग होती है वहाँ
अपादान कारक के चिह्न ’से’ का प्रयोग होता है।
इसी प्रकार एक वस्तु या अनेक वस्तुओं से
दूसरी वस्तु की तुलना करने के लिए ’भी’ चिह्न
का प्रयोग होता है। ऐसे स्थल पर ’से’ का
प्रयोग न करने से या इसका अन्यत्र प्रयोग करने
से भी वाक्य अशुद्ध हो जाते हैं।
जैसे -
अशुद्ध - वह आज सवेरे का ऊब रहा है।
शुद्ध - वह आज सुबह से ऊब आ रहा है।
अशुद्ध - घासी गाँव का दूध लाकर लोगों को
बेचता है।
शुद्ध - घासी गाँव से दूध लाकर लोगों को
बेचता है।
अशुद्ध - वहाँ का घी शुद्ध होता है।
शुद्ध - वहाँ से लाया हुआ घी शुद्ध होता है।
अशुद्ध - करोङी ने बैंक में चौक भँजा लिया।
शुद्ध - करोङी ने चौक भँजाकर बैंक से
धनराशि ले ली।
अशुद्ध - घर में अत्यंत दुःखी होकर पवन वहाँ
आ गया।
शुद्ध - अत्यन्त दुःखी होकर पवन घर से यहाँ
आ गया।
अशुद्ध - घुङसवारी सीखते हुए मनोज घोङे पर
से गिर पङा।
शुद्ध - घुङसवारी सीखते हुए मनोज घोङे से
गिर पङा।
अशुद्ध - चंचल मन के होते हुए संसार में
विरक्त होना कठिन है।
शुद्ध - चंचल मन के होते हुए संसार से विरक्त
होना कठिन है।
अशुद्ध - छुट्टी की घण्टी बजते ही छात्र नौ दो
ग्यारह हो गए।
शुद्ध - छुट्टी की घण्टी बजते ही छात्र स्कूल से
भाग गए।
अशुद्ध - बैंगलोर से चलकर दिल्ली-मेल जयपुर
आ गया।
शुद्ध - बैंगलोर से चलकर रेलगाङी जयपुर आ
गई।
अशुद्ध - दौङ की प्रतियोगिता में उन सभी में
मैं ही पहले पहुँचा।
शुद्ध - दौङ की प्रतियोगिता में उन सब में से
मैं ही पहले पहुँचा।
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