वाक्य शुद्धि-पार्ट एक
हिंदी व्याकरण
विचारों की परस्पर भावाभिव्यक्ति का सबसे बङा
साधन भाषा है। जिसमें वाक्य का स्थान
सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होता है। किसी विचार
अथवा भाव को स्पष्ट एवं पूर्णता के साथ व्यक्त
करने वाला पद समूह वाक्य कहा जाता है।
प्रसिद्ध व्याकरण पण्डित कामता प्रसाद गुरु के
अनुसार ’’एक पूर्ण विचार व्यक्त करने वाला शब्द
समूह वाक्य कहलाता है।’’
भाषा में अशुद्धियाँ प्रायः वर्तनी और व्याकरण की
ही अधिक होती हैं तथा वर्तनी की अशुद्धियाँ भी
मात्रा और वर्णों से सम्बन्धित होती हैं।
भाषा में अशुद्धियाँ कहाँ-कहाँ और किस प्रकार
की होती हैं उसके कतिपय उदाहरण नीचे दिए
जा रहे हैं। पहले संज्ञा सर्वनाम शब्द भेदों से
सम्बन्धित और बाद में कारक आदि तथा
व्याकरणांशों से सम्बन्धित कुछ उदाहरण क्रमशः
प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
वाक्य अशुद्धि कई प्रकार से हो सकती है,
जिसके विभिन्न उदाहरण क्रमशः इस प्रकार हैं-
1. संज्ञा सम्बन्धी अशुद्धियाँ -
कई बार संज्ञा पद का उल्लेख करके उसका
पुनः अनावश्यक पद के रूप में उल्लेख हो जाने
से वाक्य बोझिल हो जाता है और उसकी
प्रभावोत्पादकता में कमी आ जाती है।
जैसे -
अशुद्ध - आज आसमान ऊँचाई में बादल हैं।
शुद्ध - आज आसमान में बादल है।
अशुद्ध - मैं सोमवार के दिन आपके गाँव
आऊँगा।
शुद्ध - मैं सोमवार को आपके गाँव आऊँगा।
अशुद्ध - हरिनारायण को सफल होने में निराशा
है।
शुद्ध - हरिनारायण को सफल होने की आशा
नहीं है।
अशुद्ध - वह पशु क्यों रेंकते हैं।
शुद्ध - गधा क्यों रेंकता है।
अशुद्ध - घूस लेने से मना करना ऐसे दृष्टान्त
के उदाहरण कम मिलते हैं।
शुद्ध - घूस लेने से मना करना ऐसे दृष्टान्त
कम मिलते हैं।
अशुद्ध - पंडित जी ने कहा कि शुभ कार्य में
संकट भी आते ही हैं।
शुद्ध - पंडित जी ने कहा कि शुभ कार्य में
बाधाएँ भी आती ही हैं।
अशुद्ध - परीक्षा दो तारीख के दिन सम्पन्न
होगी।
शुद्ध - परीक्षा दो तारीख को सम्पन्न होगी।
अशुद्ध - ’भारतीय नारी’ नामक शीर्षक निबंध
अच्छा है।
शुद्ध - ’भारतीय नारी’ शीर्षक निबंध अच्छा है।
अशुद्ध - भूमिहीन कृषक रामासरे जीता है।
शुद्ध - भूमिहीन कृषक राम के आसरे जीता है।
अशुद्ध - महात्मा के दर्शन से मेरा मन गदगद
हो गया।
शुद्ध - महात्मा के दर्शन से मैं गद्-गद् हो
गया।
अशुद्ध - दुविधाग्रस्त दीपक से अध्यापक ने कहा
कि तुम गीता की पुस्तक पढ़ो।
शुद्ध - दुविधाग्रस्त दीपक से अध्यापक ने कहा
कि तुम गीता पढ़ो।
अशुद्ध - देश में अराजकता की समस्या बढ़ रही
है।
शुद्ध - देश में अराजकता बढ़ रही है।
अशुद्ध - सेठ रामलाल ने दान दिया यह उनकी
अनुकम्पा और कृपा है।
शुद्ध - सेठ रामलाल ने दान दिया यह उनकी
अनुकम्पा है।
अशुद्ध - सेना के मोर्चा संभालते ही गोलियाँ
की बाढ़ आ गई।
शुद्ध - सेना के मोर्चा संभालते ही गोलियाँ की
बौछार आ गई।
अशुद्ध - स्टेशन पर चाय-कॉफी की दुकान है।
शुद्ध - स्टेशन पर चाय और कॉफी की दुकान
है।
अशुद्ध - सैनिक की छुट्टी की मंजूरी स्वीकृत हो
गई।
शुद्ध - सैनिक की छुट्टी की प्रार्थना स्वीकृत हो
गई।
अशुद्ध - सर टॉमसरो ने जहाँगीर को उपहार
भेंट किया गया।
शुद्ध - सर टॉमसरो ने जहाँगीर को उपहार
दिया।
अशुद्ध - शिमला के दृश्यावलियाँ सुन्दर हैं।
शुद्ध - शिमला के दृश्य सुन्दर हैं।
अशुद्ध - राजू के पिताजी ने उसे समझाया कि
वहाँ प्रतिदिन जाने में तुम्हारी क्या अच्छाई है।
शुद्ध - राजू के पिताजी ने उसे समझाया कि
वहाँ प्रतिदिन जाने में तुम्हारी क्या भलाई है।
अशुद्ध - लालबहादुर शास्त्री जी ख्यातिप्राप्त
प्रसिद्ध नेता थे।
शुद्ध - लालबहादुर शास्त्री जी ख्यातिप्राप्त नेता
थे।
अशुद्ध - लगभग 200 वर्षों तक भारत के गले
में गुलामी की बेङियाँ पङी रहीं।
शुद्ध - लगभग 200 वर्षों तक भारत के पैरों में
गुलामी की बेङिया पङी रहीं।
अशुद्ध - विकास ने रमेश से कहा कि जिसकी
लाठी उसकी भैंस वाली कथा सुनी है ?
शुद्ध - विकास ने रमेश से पूछा कि जिसकी
लाठी उसकी भैंस वाली कहावत सुनी है?
अशुद्ध - विवेक के हाठ उठाते हुए कहा कि
आपके प्रश्न का समाधान मेरे पास है।
शुद्ध - विवेक ने हाथ उठाते हुए कहा कि
आपके प्रश्न का उत्तर मेरे पास है।
2. सर्वनाम सम्बन्धी अशुद्धियाँ -
संज्ञा में जो लिंग, वचन व पुरुष होता है उसके
सर्वनाम में भी वही लिंग वचन व पुरुष प्रयुक्त
होना चाहिए, लेकिन व्यवहार में इस विधान की
अपेक्षा से भाषा में अशुद्धियाँ हो जाती हैं।
जैसे -
अशुद्ध - वह तो गया किन्तु वह उसकी पुस्तक
नहीं ले गया।
शुद्ध - वह तो गया किन्तु अपनी पुस्तकें नहीं
ले गया।
अशुद्ध - किरण और उसकी बहिन पढ़ने के
लिए विद्यालय गई हैं।
शुद्ध - किरण और उसकी बहिन पढ़ने के लिए
विद्यालय गई हैं।
अशुद्ध - तेरे को यहाँ किसने बुलाया है ?
शुद्ध - तुझे यहाँ किसने बुलाया है ?
अशुद्ध - मेरे को आज किताबें और कापियाँ
चाहिए।
शुद्ध - आज मुझे भी पुस्तकें और कापियाँ
चाहिए।
अशुद्ध - वह उसके गाँव से आज ही आया।
शुद्ध - वह अपने गाँव से आज ही आया।
अशुद्ध - यह पुष्प इसकी सुगन्ध से महक रहा
है।
शुद्ध - यह पुष्प अपनी सुगन्ध से महक रहा है।
अशुद्ध - उसने जल्दी घर जाना था।
शुद्ध - उसे जल्दी घर जाना था।
अशुद्ध - जिन्होंने करना है, वे पाप भी करगे
रहेंगे।
शुद्ध - जिन्हें करना है, वे पाप भी करके रहेंगे।
अशुद्ध - वह लोग जा रहे हैं।
शुद्ध - वे लोग जा रहे हैं।
3. विशेषण सम्बन्धी अशुद्धियाँ -
विशेषण संज्ञा व सर्वनाम की विशेषता को व्यक्त
करने वाला शब्द भेद है। इसलिए विशेष्य के
लिंग वचन विशेषण में भी प्रयुक्त होना चाहिए,
लेकिन हिन्दी में इस विषय की कई अशुद्धियाँ
मिलती रहती हैं या विशेषणों का अनावश्यक
अथवा अपूर्ण प्रयोग भी अशुद्धियों का कारण बन
जाता है।
जैसे -
अशुद्ध - मोहन कल सारी रातभर जागता रहा।
शुद्ध - मोहन कल रातभर जागता रहा।
अशुद्ध - उनका का काम वास्तव में श्रेष्ठतम है।
शुद्ध - उनका काम वस्तुतः श्रेष्ठ है।
अशुद्ध - नीलाकाश अति स्वच्छ है।
शुद्ध - आकाश अति स्वच्छ है।
अशुद्ध - इतना भारी दुःख उसने कैसे सहा ?
शुद्ध - उसने इतना बङा दुःख कैसे सहन किया
?
अशुद्ध - हाथी दीर्घ काय पशु है।
शुद्ध - हाथी एक विशालकाय पशु है।
अशुद्ध - तुम लोग अपना लेख लिखो।
शुद्ध - तुम लोग अपना-अपना लेख लिखो।
अशुद्ध - अब महँगाई भारी मात्रा में बढ़ रही
है।
शुद्ध - अब महँगाई बहुत बढ़ गई है।
अशुद्ध - अल्पायु में भी समग्र ज्ञानी है।
शुद्ध - अल्पायु में भी वह पूर्ण ज्ञानी है।
अशुद्ध - आगामी दुर्घटना कहकर नहीं आती
है।
शुद्ध - भावी विपत्ति कहकर नहीं आती है।
अशुद्ध - आम नितांत खट्टे हैं इनको और पकने
दो।
शुद्ध - आम खट्टे हैं इनको और पकने दो।
अशुद्ध - घातक विष, सुन्दर शोभा, बुरी
कुदृष्टि।
शुद्ध - विष, शोभा, कुदृष्टि।
अशुद्ध - छात्रों ने शिकायत की सवाल पूरा
गलत था।
शुद्ध - छात्रों ने शिकायत की कि पूरा सवाल
गलत था।
अशुद्ध - झूठ, चोरी आदि मैं ऐसी बातों से
घृणा करता हूँ।
शुद्ध - मैं झूठ, चोरी आदि बातों से घृणा करता
हूँ।
अशुद्ध - पीङा होते हुए भी महावीर ने बहुत
अधिक धैर्य रखा।
शुद्ध - पीङा होते हुए भी महावीर ने बहुत धैर्य
रखा।
अशुद्ध - प्रशिक्षक ने कहा कि अवसर केवल एक
बार मिलता है।
शुद्ध - प्रशिक्षक ने कहा कि अवसर केवल एक
बार मिलता है।
अशुद्ध - बहुत स्वस्थ होने पर खेलना चाहिए।
शुद्ध - पूर्ण स्वस्थ होने पर खेलना चाहिए।
अशुद्ध - पोलियो के निवारण हेतु सात दिवसीय
कार्यक्रम आयोजित होगा।
शुद्ध - पोलियो के निवारण हेतु सात दिन का
कार्यक्रम आयोजित होगा।
अशुद्ध - भीमकाय वृक्ष एक ही क्षण में गिर
पङा।
शुद्ध - विशाल वृक्ष एक ही क्षण में गिर पङा।
अशुद्ध - मौर्यकालीन समय में लोग सुखी थे।
शुद्ध - मौर्यकाल में लोग सुखी थे।
अशुद्ध - थोङे स्वप्न यथार्थ होते हैं।
शुद्ध - कुछ स्वप्न यथार्थ होते हैं।
अशुद्ध - सब ने अपने कपङे पहिने।
शुद्ध - सब ने अपने-अपने कपङे पहिने।
अशुद्ध - रिश्तेदारों को बहुत बार बुलाया।
शुद्ध - रिश्तेदारों को अनेक बार बुलाया।
अशुद्ध - रुष्ट होते हुए भी आचार्य अत्यन्त
कोमल वाणी में बोले।
शुद्ध - रुष्ट होते हुए भी आचार्य अत्यन्त मधुर
वाणी में बोले।
अशुद्ध - विदेशी जहाज को गम्भीर क्षति पहुँची।
शुद्ध - विदेशी जहाज को भारी क्षति पहुँची।
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