हिन्दी एकांकी
पार्ट-4
एकांकी से संबंधित कुछ प्रष्न और हिन्दी की
महत्त्वपूर्ण एंकाकियां
एकांकी नाटक के समान अभिनय से सम्बन्धित
विधा है ,इसमें किसी विषय को एक ही अंक में
प्रस्तुत किया जाता है
एकांकी का निर्माण रूपक के किस भेद से किया
जाता है- अंक
एकांकी के समकक्ष रूपक के अन्य भेद माने
जाते हैं- भाण, व्यायोग, वीथी, अंक प्रहसन
एकांकी का विकास ’एक अंक वाला’ का
अभिप्राय है- अँग्रेजी के ’वन एक्ट प्ले’
एक अंकीय भास की रचनाओं का प्रेरक एकांकी
विकसित है- मध्यम व्यायोग, दूत वाक्य,
कर्णभार, उरुभंग-दूत-घटोत्कच।
संस्कृत में एकांकी का सार्थक शब्द माना जाता
है-गोष्ठी
एकांकी का अन्य नाम है- छोटा नाटक, लघु
नाटक, नाटिका
प्रथम एकांकी के रचनाकार- भारतेन्दु-बसंतपूजा
(1872), जयशंकर प्रसाद-एक घूँट (1928),
रामकुमार वर्मा-बादल की मृत्यु (1930) भुवनेश्वर
प्रसाद- कारवाँ (1935)
काल की दृष्टि से भारतेन्दु की एकांकी को
प्रथम एकांकी माना जाता है। लेकिन एंकाकियों
के तत्वों को देखते हुए कुछ विद्वान एक घूंट
को और कुछ विद्वान बादल की मृत्यु को हिन्दी
की प्रथम एकांकी मानते हैं।
हिन्दी के प्रमुख एकांकीकारों की एकांकियां
रामकुमार वर्मा-
बादल की मृत्यु (1930), पृथ्वीराज की आँखें
(1937), रेशमी टाई (1949), चारुमित्र (1943),
विभूति (1943), सप्तकिरण (1947), रूपरंग
(1948), कौमुदी महोत्सव (1949),धु्रर्वतारिका
(1950), ऋतुराज (1951), रजतरश्मि (1952),
दीपदान (1954), कामकन्दला (1955), कपूर
(1956), इन्द्रधनुष (1957), रिमझिम (1957),
औरंगजेब की आखिरी रात, दस मिनट,
मयूरपंख, बापू, विजयपर्व, कङा और कृपाण,
नाना फडनवीस, महाराणा प्रताप, शिवाजी,
अशोक का शोक, जौहर की ज्योति, अग्निशिखा,
जयादित्य, संत तुलसीदास, जय वर्द्धमान,
भगवान बुद्ध, समुद्रगुप्त, पराक्रमांक, सम्राट
कनिष्क, स्वयंवरा, वत्सराज उदयन, महामेघवाहन
खारवेल, जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर।
भुवनेश्वर-
कारवाँ (1935), श्यामा (1938), एक साम्यहीन
साम्यवादी (1934), सवा आठ बजे (1938),
आदमखोर (1938), शैतान, प्रतिभा का विवाह
(1936), स्ट्राइक, रहस्य रोमांच, मृत्यु (1936),
लॉटरी (1935), सीकों की गाङी (1950),
चंगेजखाँ, ऊसर, पतिता (1944), ताँबे के कीङे
(1946), अकबर (1950), इतिहास की केंचुल
(1948), फोटोग्राफ के सामने (1945), रोशनी
और आग (1941), सिकन्दर (1950), आजादी की
नींद (1948)
उपेन्द्रनाथ ’अश्क’-
देवताओं की छाया में, चरवाहे, तूफान से पहले,
मोहब्बत, कासवर्ड पहेली, आपस का समझौता,
विवाह के दिन, जोंक, चिलम, खिङकी,
जीवनसाथी, चुम्बक, मैमना, चमत्कार, अंधीगली,
आदिमार्ग, अंजो दीदी, कैसा साब-कैसी आया,
बतसिया, समाना मालिक, कैद और उङान,
अधिकार का रक्षक, स्वर्ग की झलक, साहब को
जुकाम है, जोंक, पर्दा उठाओं पर्दा गिराओ,
सूखी डाली, भँवर, लक्ष्मी का स्वागत, पापी
(1937)
उदयशंकर भट्ट
एक ही कब्र में (1936), आदिम युग, दुर्गा, नेता,
नकली और असली, बङे आदमी की मृत्यु, विष
की पुङिया, मुंशी अनोखेलाल, प्रथम विवाह, मनु
और मानव, कुमार संभव, गिरती दीवारें, पिशाचों
का नाच, बीमार का इलाज, आत्म प्रदान, जीवन,
वापसी, मंदिर के द्वार पर दो अतिथि, अघटित,
अंधकार, नये मेहमान, नया नाटक, विस्फोट,
बाबूजी, धूम्रशिखा, महस्वतंत्रता का युग,
मायोपिया, अपनी-अपनी खाट पर, वार्गेन,
गृहदशा, गांधीजी का रामराज्य, धर्म परम्परा,
एकला चलो रे, अमर अर्चना, मालती-माधव, वन
महोत्सव, मदन-दहन, दस हजार, सेठ
भालचन्द, विश्वमित्र, मत्स्यगंधा समस्या का अन्त,
आज का आदमी, वर निर्वाचन, स्त्री का हृदय,
पर्दे के पीछे।
सेठ गोविन्ददास-
स्पर्धा (1935), बुद्ध की एक शिष्या, नानक की
नमाज, तेगबहादुर की भविष्यवाणी, परमहंस का
पत्नीप्रेम, कृषियज्ञ, बुद्ध के सच्चे सनेही कौन?,
मानवमन मैत्री, ईद और होली, हंगर-स्ट्राइक,
सच्चा कांग्रेसी कौन? बन्द नोट, जाति उत्थान,
वह मरा क्यों?
जगदीश चन्द्र माथुर-
मेरी बाँसुरी (1936), भोर का तारा, घोंसले,
भाषण, बंदी, शारदीया, कलिंग विजय, रीढ़ की
हड्डी, मकङी का जाला, खण्डहर, कबूतर-खाना,
ओ मेरे सपने, खिङकी की राह
लक्ष्मीनारायण लाल-
मङवे का भोर, अन्धा कुआँ, ताजमहल के आँसू,
पर्वत के पीछे, नाटक बहुरंगी और दूसरा
दरवाजा
विष्णु प्रभाकर-
स्वाधीनता संग्राम, लिपस्टिक की मुस्कान, दृष्टि
खोज, प्रकाश और परछाईं, ऊँचा पर्वत, ये
रेखाएँ-ये दायरे, अशोक, मैं मानव हूँ, मैं तुम्हें
क्षमा करूँगा, बीमार, गहरा सागर, तीसरा
आदमी, डरे हुए लोग, अभया
वृन्दावन लाल वर्मा-
लो भाई पंचो लो, कश्मीर का काँटा
भगवती चरण वर्मा -चौपाल, सबसे बङा आदमी
नरेश मेहता-सुबह के घण्टे
जैनेन्द्र कुमार-टकराहट
हरिकृष्ण ’प्रेमी’-मातृ मन्दिर, राष्ट्रमन्दिर,
न्यायमन्दिर, वाणी मन्दिर
विनोद रस्तोगी-
पुरुष का पाप, पत्नी का परित्याग, साम्राज्य और
सुहागरात, सौंदर्य का प्रायश्चित, आज मेरा
विवाह है, दो चाँद, प्यास और प्यास, काला
दाग, कसम कुरान की, सोना और मिट्टी, रथ के
पहिए, पैसा, जनसेवा और लङकी, मुन्ना मर
गया, मंगल मानव और मशीन
प्रभाकर माचवे-
गली की मोङ पर, पागलखाने में, पंचकन्या,
पर्वतश्री, रामगिरि, संकट पर संकट, वधू चाहिए,
गाँधी की राह पर
धर्मवीर भारती-नदी प्यासी थी
मोहन राकेश-अण्डे के छिलके
मार्कण्डेय-पत्थर और परछाइयाँ
राजपूत मलिक-
आँधी की दिया, मिट्टी परछाइयाँ, जमीन आसमाँ,
चार राज की बात, हाथी के दाँत, भूखी आँखें,
शीशे का घर, कविता का भूत, घरौंदा, धुँए के
बादल, बरगद का पेङ, डायन, पहली रात, दिन
की दीवाली, रजनीगंधा, धरोहर, कनिप्रिया,
दोहरा व्यक्तित्व, टूटती कङी, संशय, सम्मोहन
गणेश प्रसाद द्विवेदी-
सोहाग बन्दी, वह फिर आई थी, परदे का अपर
पार्श्व, शर्माजी, दूसरा उपाय ही क्या है?, सर्वस्व
समर्पण, कामरेड, गोष्ठी, परीक्षा, रपट, रिहर्सल,
धरतीमाता
गोविन्द बल्लभ पंत-अंगूर की बेटी, विषकन्या,
व्यथित हृदय
कमलाकान्त वर्मा-उस पार, प्राणदान, पुष्पफल
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