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Friday, January 20, 2012

poem : कविता


 कविता
 सर्दी मे तपने के लिये
 एक अलाव है .
जो अपने भावो की 
 गर्माहट से
 सर्दी भगाती  नहीं,
सिर्फ
 गर्माहट का
 एहसास दिलाती है 
और 
 यह एहसास भी
 सिर्फ
 मनुष्य को होता है .
मनुष्य की खोल मे
 रह  रहे
 भेड़िये को नहीं  .

प्रदीप प्रसन्न 

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