कविता , कहानी ,नाटक नहीं हूँ
किसी के दरवाजे का फाटक नहीं हूँ
पढना चाहते हो तो करीब आऔ
आम आदमी हूँ कोई जातक नहीं हूँ
प्रदीप प्रसन्न
किसी के दरवाजे का फाटक नहीं हूँ
पढना चाहते हो तो करीब आऔ
आम आदमी हूँ कोई जातक नहीं हूँ
प्रदीप प्रसन्न
Posted by dr.pradeep kumar on 5:25 AM in poem | Comments : 0
Post a Comment