मुजफ्फरपुर में हर दिन चमकी बुखार से बच्चों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. 2 वकीलों ने इसे लेकर याचिका दाखिल की है. इस याचिका में साफ-साफ कहा गया है की अगर बिहार सरकार ने शुरू से स्थिति को संभाला होता तो बच्चों की मौत नहीं होती.
लेकिन अब बात बहुत बढ़ गई है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को दखल देना जरूरी हो गया है. मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने बच्चों की मौत के 20 दिन बाद जब दौरा किया तो लोगों का गुस्सा उनके खिलाफ दिखाई दिया. नितीश वापस जाओ के नारे लोगों ने लगाए.
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सुविधाओं की कमी और खराब इलाज के कारण प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री वापस जाओ के नारे लगाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी अस्पताल में भर्ती बच्चों और उनके परिजनों से जब भेंट करनी चाही तो लोगों ने उनके खिलाफ नारे लगाए.
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बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी जारी है. डॉक्टर इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं की वास्तव में यह कौन सी बीमारी है और इसका क्या इलाज हो सकता है? सरकार आम जनों को हॉस्पिटलों में सुविधा मुहैया नहीं करा पा रही है, जिसके कारण इस भयंकर बीमारी से बच्चों को बचाया जा सके.
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