कविता की चिट्ठी कवि के नाम
इस कडकती ठण्ड रूपी
संसद सत्र के प्रकोप से
सूरज भी हड़ताल पर चला गया है ,
और युवाओ का जोश भी
सारा...
Saturday, December 31, 2011
Friday, December 30, 2011
poem : मुक्तक
मुक्तक
मैं ऐसा जादूगर हूँ की हर जगह अपना पिटारा खोलता नहीं हूँ ,
पीके उल्लास की मधुशाला मैं हर चौराये पर डोलता नहीं हूँ |
मैं वक्त बेवक्त की नजाकत को पहचानता हूँ बखूबी ,
इसलिए...
discovers New Year : नव वर्ष का विमर्श
नव वर्ष का विमर्श
वहा !
क्या बात है .
क्या आज कुछ खास है ?
नहीं .
तो इतना क्यों उछल रहे हो ,
बिना बात इतना क्यों चहक रहे हो,
मन कर रहा था,
इसलिए,
नाच रहा हूँ .
नये वर्ष...
Thursday, December 22, 2011
some poems : दो मुक्त मुक्तक
कसक ये नहीं की हम आज तक कंवारे हैं,
कैसे उन बिन अपने आप को सँवारे हैं .
गहन पीड़ा तो मन में तब होती है जब ,
वो कहते हैं बच्चो,यही हैं वो जो मामा तुम्हारे हैं .
लालू...
Wednesday, December 21, 2011
Dirty Picture : डर्टी पिक्चर
आज कल डर्टी पिक्चर का बहुत जोर शोर है | कारण ? विद्या बालन द्वारा बहुत अच्छा 'काम ' का प्रदर्शन करना या अन्य ? वैसे तो आप स्वतंत्र भारत के...
Friday, December 2, 2011
poem : मुक्तक
मैं शब्दों का खिलाड़ी हूँ ,शब्द की बात करता हूँ
इसे तुम मत लेना सहज की मैं हास परीहास करता हूँ
दिलों को तोडना नहीं है काम मेरा बस इतना समझ लेना,
मैं भरमर हूँ कविता का कलि की बात...
poem : मुक्तक
मैं शब्दों का खिलाड़ी हूँ ,शब्द की बात करता हूँ
इसे तुम मत लेना सहज की मैं हास परीहास करता हूँ
दिलों को तोडना नहीं है काम मेरा बस इतना समझ लेना,
मैं भरमर हूँ कविता का कलि की बात...
Subscribe to:
Posts
(
Atom
)