उत्तर की बाट जोहता एक प्रश्न
मीरा कांत का नाटक ‘उत्तर प्रश्न’ स्त्री विमर्श के प्रश्नों की प्रासांगिकता पर उठने वाला ऐसा प्रश्न है जो अनेक वर्षों से उत्तर की बाट में मुंह बाय खड़ा...
Thursday, May 18, 2017
Wednesday, May 17, 2017
One step further towards the theater : एक कदम और रंगमंच की ओर

एक कदम और रंगमंच की ओर
रंग संस्कार थियेटर ग्रुप अलवर की ओर
से ग्रीष्म नाट्य उत्सव 12 से 14 मई 2017
महावर ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। रंग संस्कार थियेटर ग्रुप का यह इस वर्ष का
तीसरा...
Try to fill empty vacuum : खाली वैक्यूम को भरने की कोशिश

खाली वैक्यूम को भरने की कोशिश
रंग संस्कार थियेटर ग्रुप के द्वारा तीन दिवसीय
‘ग्रीष्म नाट्य उत्सव’ 12 से 14 मई 2017 महावर ऑडिटोरियम अलवर में आयोजित किया
गया। इस ग्रीष्म नाट्य उत्सव...
Friday, May 5, 2017
Kabir's harshness is hidden in the sweetness : कबीर की कर्कशता में छुपी है मधुरता
‘मोको कहां ढूंढे रे बंदे’ रमेश खत्री जी का यह पहला प्रकाशित नाटक है। इस नाटक का ताना बाना उन्होंने कबीर को केंद्र में रखते हुए बुना है। रमेश खत्री अपनी बात में कहते हैं कि ‘इस...
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